सबरीमाला मंदिर में मंडला पूजा 2024:
मंडला पूजा भारत के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में आयोजित की जाती है, जो भगवान अयप्पा का आराध्य स्थल है। यह पूजा विशेष रूप से भगवान अयप्पा के भक्तों द्वारा किए जाने वाले 41 दिनों के तप के समापन के रूप में मानी जाती है। श्रद्धालु इस पूजा को बड़े धूमधाम से मनाते हैं और इसे मंडला कालम भी कहा जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से केरल के सबरीमाला मंदिर में होती है, जहां लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं।
मंडला पूजा का महत्व:
मंडला पूजा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। मान्यता है कि इस पूजा के माध्यम से भगवान अयप्पा की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस पूजा को करने से मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा, इस पूजा का संबंध भक्तों के 41 दिनों के कठोर व्रत से भी है, जिसमें वे तपस्या करते हुए भगवान अयप्पा की उपासना करते हैं।
मंडला पूजा की तिथि और शुभ मुहूर्त (2024):
इस साल मंडला पूजा का आयोजन गुरुवार, 26 दिसंबर 2024 को किया जाएगा। इस दिन सबरीमाला मंदिर में विशेष पूजा कार्यक्रम होंगे। इसके अलावा, पूजा के दौरान विभिन्न शुभ मुहूर्त भी निर्धारित किए गए हैं, जिनका महत्व पूजा के सफल और शुभ संपन्न होने में माना जाता है।
शुभ मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त:
- समय: सुबह 4:54 बजे से 5:48 बजे तक
- यह समय अत्यधिक शुभ माना जाता है और पूजा के प्रारंभ में इसे श्रेष्ठ माना जाता है।
- अभिजीत मुहूर्त:
- समय: सुबह 11:38 बजे से 12:20 बजे तक
- यह मुहूर्त भी पूजा करने के लिए उपयुक्त है, खासकर जब पूजा का सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त करना हो।
- विजय मुहूर्त:
- समय: दोपहर 1:44 बजे से 2:27 बजे तक
- यह मुहूर्त कार्यों के सफल होने का प्रतीक है और इसे किसी भी प्रकार के विशेष अनुष्ठान के लिए प्रयोग किया जाता है।
- अमृत काल:
- समय: सुबह 8:20 बजे से 10:07 बजे तक
- इस समय को भी विशेष रूप से पूजा के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है, जब भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंडला पूजा की विधि:
- स्नान और शुद्धता:
मंडला पूजा की शुरुआत एक पवित्र स्नान से करनी चाहिए, ताकि शरीर और मन दोनों शुद्ध हो सकें। - सूर्य नमस्कार और अर्घ्य:
पूजा स्थल पर सूर्योदय के समय सूर्य अर्घ्य देना चाहिए, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो। - भगवान अयप्पा की पूजा:
विशेष रूप से भगवान अयप्पा की पूजा करनी चाहिए, जिसमें उन्हें ताजे फूल, दूध, शहद, नारियल और विशेष प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। - मंत्र जाप:
“ॐ अयप्पा स्वामी” और अन्य मंत्रों का जाप इस पूजा के दौरान किया जाता है, जिससे भगवान अयप्पा की कृपा प्राप्त होती है। - दान और प्रसाद वितरण:
पूजा के बाद दान देना और प्रसाद वितरण करना पुण्य का काम माना जाता है, जो जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालता है।
निष्कर्ष:
मंडला पूजा का आयोजन एक अत्यधिक पवित्र अवसर है, जो भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए एक जीवन परिवर्तनकारी अनुभव होता है। 26 दिसंबर 2024 को होने वाली मंडला पूजा के दौरान सही मुहूर्त और विधि से पूजा करने से भक्तों को भगवान अयप्पा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस अवसर पर आप भी इस महान पूजा का हिस्सा बन सकते हैं और अपनी जिंदगी में सुख, समृद्धि, और शांति का अनुभव कर सकते हैं।