नाग पंचमी पर खास उपाय: कालसर्प और पितृदोष से मुक्ति!

हिंदू धर्म में श्रावण मास का विशेष महत्व है, क्योंकि इस महीने भगवान शिव की पूजा के साथ कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें से एक है नाग पंचमी। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महादेव के साथ-साथ नागों की पूजा का भी महत्व है। हर साल हरियाली तीज के दो दिन बाद नाग पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। इस साल नाग पंचमी पर कुछ दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिससे नागों की पूजा के साथ-साथ विशेष ज्योतिषीय उपाय करना भी शुभ माना जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग पंचमी के दिन ये उपाय करने से कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, नाग पंचमी पर काल सर्प दोष से निजात पाने के लिए कौन से उपाय करने होंगे।

नाग पंचमी पर बन रहे दुर्लभ योग

इस साल नाग पंचमी पर कई अद्भुत योग बन रहे हैं, जो लगभग 500 वर्षों में पहली बार बन रहे हैं। इस दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ अमृत काल, रवि योग, शिव वास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव, बालव, और करण योग हस्त नक्षत्र में रहेंगे।

नाग पंचमी पर करें ये उपाय

  1. श्री सर्प सूक्त का पाठ
    नाग पंचमी के दिन श्री सर्प सूक्त का पाठ करना चाहिए। इससे कुंडली में मौजूद काल सर्प दोष और पितृ दोष का दुष्प्रभाव काफी हद तक कम होता है, और जीवन में आने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  2. चांदी के नाग-नागिन चढ़ाएं
    यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो नाग पंचमी के दिन चांदी के छोटे नाग-नागिन बनवाएं। इन्हें एक थाली में रखकर कच्चा दूध चढ़ाएं। फिर भगवान शिव की पूजा करते हुए ‘ऊं नागेंद्रहाराय नमः’ मंत्र का जाप करें और चांदी के सर्पों को शिवलिंग पर अर्पित करें। इससे काल सर्प दोष और सर्प भय की समस्या दूर होती है।
  3. रस्सी से नाग-नागिन बनाएं
    यदि चांदी नहीं बनवा सकते, तो एक बड़ी रस्सी में सात गांठें लगाकर उसे सांप के रूप में बनाएं। इसे स्थापित करके दूध, बताशा, और फूल आदि चढ़ाएं और राहु-केतु के मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान शिव की अराधना करते हुए रस्सी की सभी गांठें खोलकर जल में प्रवाहित कर दें।
  4. राहु-केतु के मंत्रों का जाप
    नाग पंचमी के दिन राहु और केतु के मंत्रों का जाप करें। इससे कुंडली के राहु और केतु दोष दूर होते हैं।

    • राहू मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः।
    • केतु मंत्र: ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः।
  5. नाग की अर्पण
    यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो आप किसी शिव मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान कराकर नाग अर्पित कर सकते हैं। इससे आपको लाभ मिलेगा।
  6. माथे पर चंदन लगाएं
    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नाग पंचमी के दिन से रोजाना माथे पर तिलक लगाना शुरू करें। इससे पितृदोष और देश दोष से मुक्ति मिलती है।

 

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