पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण अवधि है। यह समय विशेष रूप से पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए होता है। इस वर्ष, पितृ पक्ष 17 सितंबर 2024 से शुरू हो रहा है। इस दौरान विभिन्न तिथियों पर किए जाने वाले श्राद्ध कर्म का विशेष महत्व है।
पितृ पक्ष की शुरुआत और महत्व
पितृ पक्ष, भाद्रपद मास की पूर्णिमा से आरंभ होता है और अमावस्या तक चलता है। यह अवधि कुल 16 दिनों की होती है, जिनमें से प्रत्येक दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इस दौरान परिवार के लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं।
पितृ पक्ष 2024 की महत्वपूर्ण तिथियां
- 17 सितंबर 2024 – पितृ पक्ष की शुरुआत: इस दिन से श्राद्ध कर्म की शुरुआत होती है।
- 18 सितंबर 2024 – श्राद्ध कर्म की पहली तिथि: इस दिन से परिवार के पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित करने की प्रक्रिया शुरू होती है।
- 20 सितंबर 2024 – अमावस्या श्राद्ध: यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन सभी पूर्वजों के श्राद्ध की प्रक्रिया की जाती है।
- 22 सितंबर 2024 – पार्वती द्वादशी: इस दिन विशेष रूप से मातृकाएं और बहनें अपने भाइयों के लिए श्राद्ध करती हैं।
- 24 सितंबर 2024 – पितृ त्रयोदशी: यह दिन भी महत्वपूर्ण होता है, जिसमें विशेष पूजा और तर्पण का आयोजन किया जाता है।
- 26 सितंबर 2024 – पितृ चौदस: इस दिन विशेष रूप से पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध किया जाता है।
- 29 सितंबर 2024 – पितृ अमावस्या: यह दिन पितृ पक्ष की समाप्ति का दिन होता है, जिसमें सभी पूर्वजों के लिए अंतिम श्राद्ध किया जाता है।
- 30 सितंबर 2024 – विशेष पितृ पूजा: इस दिन विशेष रूप से उन पूर्वजों के लिए पूजा की जाती है, जिनके लिए श्राद्ध की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी।
- 1 अक्टूबर 2024 – सर्व पितृ अमावस्या: यह दिन सर्व पितृ अमावस्या के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सभी पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा और तर्पण किया जाता है।
- 3 अक्टूबर 2024 – पितृ व्रत: इस दिन विशेष रूप से व्रत रखकर पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित की जाती है।
- 5 अक्टूबर 2024 – पितृ महालया: इस दिन विशेष महालया पूजा की जाती है, जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान होते हैं।
- 7 अक्टूबर 2024 – पितृ नवरात्रि: इस दिन पितृ नवरात्रि की शुरुआत होती है, जिसमें नौ दिनों तक विशेष पूजा और तर्पण किया जाता है।
- 10 अक्टूबर 2024 – पितृ अष्टमी: इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा और तर्पण के आयोजन होते हैं।
- 13 अक्टूबर 2024 – पितृ नवमी: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
- 15 अक्टूबर 2024 – पितृ दशमी: इस दिन विशेष श्राद्ध और तर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है।
- 17 अक्टूबर 2024 – पितृ पक्ष का समापन: इस दिन पितृ पक्ष समाप्त होता है और आगे की पूजा और अनुष्ठानों की योजना बनाई जाती है।
निष्कर्ष
पितृ पक्ष, पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और तर्पण का समय है। इस अवधि में किए गए अनुष्ठान और श्राद्ध कर्म, न केवल पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण होते हैं, बल्कि परिवार के लिए भी सुख और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं। सही तिथियों पर विशेष ध्यान देकर इन कर्मों को विधिपूर्वक करना चाहिए।
इस वर्ष पितृ पक्ष की 16 महत्वपूर्ण तिथियों को ध्यान में रखते हुए, अपने परिवार के साथ मिलकर पूर्वजों के प्रति श्रद्धा अर्पित करें और इस महत्वपूर्ण समय का पूरा लाभ उठाएं।