परदोष व्रत – 15 सितंबर 2024: जानें व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

परदोष व्रत का महत्व:

परदोष व्रत हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत है जिसे हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस व्रत को भगवान शिव की आराधना के लिए रखा जाता है और इसे रखने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परदोष व्रत रखने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

15 सितंबर 2024 का परदोष व्रत:

इस वर्ष परदोष व्रत 15 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्रत शाम के समय, सूर्यास्त के बाद रखा जाता है। इसी समय को ‘परदोष काल’ कहा जाता है, जो शिवजी की उपासना के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।

परदोष व्रत की पूजा विधि:

  1. स्नान और स्वच्छता: व्रत के दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा का संकल्प लें।
  2. पूजा स्थान की तैयारी: घर के पूजा स्थल को साफ करें और वहां पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा स्थल को फूलों, दीपक, और धूप से सजाएं।
  3. पूजन सामग्री: भगवान शिव की पूजा के लिए बेलपत्र, सफेद फूल, जल, दूध, शहद, धूप, दीप, चंदन, और फल रखें।
  4. व्रत और पूजा का संकल्प: परदोष व्रत का संकल्प लें और भगवान शिव का ध्यान करते हुए उन्हें जल, दूध, और पंचामृत से स्नान कराएं। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें, सफेद फूल चढ़ाएं, और धूप-दीप दिखाएं।
  5. शिव मंत्र और आरती: ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की आरती उतारें। इसके बाद प्रसाद बांटें और व्रत कथा का पाठ करें।
  6. भोजन और उपवास: परदोष व्रत के दिन उपवास रखना चाहिए और यदि स्वास्थ्य की दृष्टि से संभव न हो तो फलाहार या केवल सात्विक भोजन ग्रहण करें।

परदोष व्रत का शुभ मुहूर्त:

15 सितंबर 2024 को परदोष व्रत के लिए शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद का समय रहेगा। इस समय को ही परदोष काल कहा जाता है जो शिव पूजा के लिए अति उत्तम होता है। परदोष व्रत का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

  • परदोष व्रत तिथि प्रारंभ: 15 सितंबर 2024, दोपहर 01:05 बजे।
  • परदोष व्रत तिथि समाप्त: 16 सितंबर 2024, सुबह 11:45 बजे।

परदोष व्रत के लाभ:

  • परदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
  • इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति, वैवाहिक जीवन में सुख, और रोगों से मुक्ति के लिए विशेष फल मिलता है।
  • परदोष व्रत से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

उपसंहार:

परदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र व्रत है जो भक्तों को उनकी सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ करना चाहिए। 15 सितंबर 2024 को परदोष व्रत रखकर भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें और जीवन में सुख-समृद्धि लाएं।

आप सभी को परदोष व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं!

FAQs-

Q1: परदोष व्रत क्या है और इसका महत्व क्या है?
A: परदोष व्रत हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए होता है और इसे रखने से पापों का नाश होता है तथा सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव इस व्रत से प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

Q2: परदोष व्रत 15 सितंबर 2024 को कब मनाया जाएगा?
A: इस वर्ष परदोष व्रत 15 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा। यह व्रत खासतौर पर शाम के समय, सूर्यास्त के बाद रखा जाता है, जिसे ‘परदोष काल’ कहा जाता है।

Q3: परदोष व्रत की पूजा विधि क्या है?
A: परदोष व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:

  • प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान शिव की पूजा का संकल्प लें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और वहां भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पूजन सामग्री जैसे बेलपत्र, सफेद फूल, जल, दूध, शहद, धूप, दीप, चंदन, और फल रखें।
  • भगवान शिव का जल, दूध, और पंचामृत से स्नान कराएं। शिवलिंग पर बेलपत्र और सफेद फूल अर्पित करें।
  • ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव की आरती करें।

Q4: परदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?
A: 15 सितंबर 2024 को परदोष व्रत का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद रहेगा।

  • व्रत तिथि प्रारंभ: 15 सितंबर 2024, दोपहर 01:05 बजे।
  • व्रत तिथि समाप्त: 16 सितंबर 2024, सुबह 11:45 बजे।

Q5: परदोष व्रत के दिन क्या खाया जा सकता है?
A: परदोष व्रत के दिन उपवास रखना चाहिए। यदि स्वास्थ्य कारणों से उपवास संभव न हो, तो फलाहार या केवल सात्विक भोजन किया जा सकता है।

Q6: परदोष व्रत के लाभ क्या हैं?
A: परदोष व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। इससे पापों से मुक्ति, संतान प्राप्ति, वैवाहिक सुख, और रोगों से मुक्ति मिलती है। यह व्रत आर्थिक समस्याओं का निवारण करता है और घर में सुख-शांति बनाए रखता है।

Q7: परदोष व्रत किसे रखना चाहिए?
A: परदोष व्रत हर व्यक्ति रख सकता है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहता है। विशेष रूप से वे लोग जिन्हें संतान सुख, स्वास्थ्य, आर्थिक समृद्धि, और वैवाहिक जीवन में सुख चाहिए, उन्हें यह व्रत रखना चाहिए।

Q8: क्या परदोष व्रत के दौरान कोई विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए?
A: हां, परदोष व्रत के दौरान ‘ऊँ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना अत्यंत शुभ होता है। इसके अलावा, शिवजी की आरती और व्रत कथा का पाठ भी किया जाता है।

Leave a Reply

Connect with Astrologer Parduman on Call or Chat for personalised detailed predictions.

More Posts

Contact Details

Stay Conneted

    Shopping cart

    0
    image/svg+xml

    No products in the cart.

    Continue Shopping