मासिक शिवरात्रि की तिथि:
इस वर्ष मासिक शिवरात्रि 30 सितंबर 2024, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पावन दिन भगवान शिव की आराधना और व्रत के लिए समर्पित होता है। शिव भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष माना जाता है।
तिथि विवरण:
- दिनांक: 30 सितंबर 2024, सोमवार
- वार: सोमवार
- तिथि: त्रयोदशी
- योग: शुभ
- राहुकाल: सुबह 07:43 बजे से सुबह 09:12 बजे तक
मासिक शिवरात्रि प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा और व्रत करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं और भक्तों को सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। यह माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि पर व्रत और पूजा करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। विशेष रूप से, शिवरात्रि का व्रत रखने से कुंडली में शनि, राहु और केतु के दोषों का निवारण होता है।
भगवान शिव को “भोलेनाथ” कहा जाता है क्योंकि वे अपने भक्तों की थोड़ी सी भी भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं। मासिक शिवरात्रि का व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए फलदायी होता है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं और अपने जीवन की कठिनाइयों का समाधान ढूंढ़ते हैं।
मासिक शिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
- स्नान और संकल्प:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। - पूजा स्थल की तैयारी:
पूजा के लिए शिवलिंग को साफ स्थान पर स्थापित करें। पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और उसे फूलों और दीपों से सजाएं। - भगवान शिव का अभिषेक:
शिवलिंग का जल, दूध, दही, शहद, और शक्कर से अभिषेक करें। इसके बाद गंगाजल से अभिषेक कर शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फल, फूल, और भस्म अर्पित करें। - धूप और दीप अर्पण:
भगवान शिव की आराधना में धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें। शिव जी को प्रसन्न करने के लिए तिल, गुड़, और चंदन का प्रयोग करें। - शिव मंत्रों का जाप:
पूजा के दौरान “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। शिव चालीसा का पाठ भी अत्यंत शुभ माना जाता है। - रात्रि जागरण और आरती:
मासिक शिवरात्रि पर रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। रात्रि के चार प्रहरों में भगवान शिव की पूजा करें और प्रत्येक प्रहर के बाद शिव आरती करें। - व्रत का पालन:
दिनभर निराहार रहकर व्रत का पालन करें। रात्रि में केवल फलाहार कर सकते हैं। - दान और दक्षिणा:
व्रत के समापन पर जरूरतमंदों को दान करें। अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
मासिक शिवरात्रि के लाभ
- संकटों का निवारण: शिवरात्रि व्रत करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है।
- धन-धान्य की वृद्धि: व्रत और पूजन से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और समृद्धि आती है।
- कुंडली दोष निवारण: मासिक शिवरात्रि व्रत करने से शनि, राहु और केतु के दोषों का निवारण होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: भगवान शिव की आराधना से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति में सहायता मिलती है।
निष्कर्ष
मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का उत्तम समय है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति से की गई पूजा और व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है। भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार के दोष और कष्टों का नाश होता है और भक्तों को सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति होती है। अतः इस पावन दिन पर भगवान शिव की आराधना करें और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सफल बनाएं।