आज हम बात करे गे कि कोन कोन से 6 दीपक जलाने पर आपके घर मैं बढेगी सुख एवं शांति
दीपक जलाकर पूजा करना तो सनातनी संस्कृति की पूजा का अहम हिस्सा माना जाता है। शास्त्रों में अलग-अलग तेल से दीपक जलाने के लाभ होते है। जानें इस बारे में महत्वपूर्ण बातें।
दीपक जलाना हमारी संपूर्ण पूजाविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भगवान के सामने दीपक जलाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। दीपक जलाने के क्या लाभ होते हैं, इस बारे में शास्त्रों में विस्तार से बताया गया है। हम आपको आज बता रहे हैं कि 6 अलग-अलग प्रकार के तेल से दीपक जलाने के क्या-क्या फायदे हैं। साथ ही यह भी जानिए किस तेल का दीपक जलाने से कौन सा ग्रह शांत होता है और इसके पूजा के क्या-क्या लाभ हैं।
घी का दीपक
आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए रोजाना घर के देवालय में शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। आश्रम तथा देवालय में अखंड ज्योत जलाने के लिए भी शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाकर रखने से आपके घर में शांति और सुकून स्थापित होता है। शुक्रवार की शाम को ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाकर रखने से आपके घर में माँ लक्ष्मी का प्रवेश होता है।
सरसों के तेल का दीपक
शत्रुओं की बुरी नजर से बचने के लिए भैरवजी के सम्मुख सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए भी सरसों का दीपक जलाते हैं। इसके साथ रोजाना शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है।
तिल के तेल का दीपक
शनि ग्रह की दशा से मुक्ति पाने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। शनिदेव कर्मों के देवता माने गए हैं। उनको प्रसन्न करने के लिए शनिवार को शमी के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। इसके अलावा हर मंगलवार और शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे तिल का दीपक काले तिल डालकर जलाने से शनिदेव आपको कष्ट नहीं देते हैं।
महुए के तेल का दीपक
पति की लंबी आयु की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए घर के मंदिर में महुए के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इससे पति और पत्नी के बीच प्यार और सम्मान बना रहता है और आपस में संबंध भी बहुत मधुर रहते हैं।
अलसी के तेल का दीपक
राहु और केतु ग्रहों की दशा को शांत करने के लिए अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए। राहु और केतु दोनों को छाया ग्रह माना गया है। इनकी दशा होने पर व्यक्ति रुपये-पैसे से कमजोर पड़ जाता है और अक्सर बीमार रहने लगता है। अलसी के तेल का दीपक हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे जलाना चाहिए।
चमेली के तेल से भरा तिकोना दीपक
संकटहरण हनुमानजी की पूजा करने के लिए तथा उनकी कृपा आप पर सदैव बनी रहे, इसके लिए तीन कोनों वाला दीपक जलाना चाहिए। मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और वहां बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
धन्यवाद्।