आज हम चर्चा करेंगे कुंडली के 8 वें भाव में गुरु ग्रह की उपस्थिति के परिणाम। बृहस्पति ज्ञान का कारक है और जब यह आठवें घर में होता है, तो यह गुप्त विद्याओं, अकाउंट साइंस, और ईश्वरीय मदद के संकेत देता है।
शुभ प्रभाव
ईश्वरीय मदद: बृहस्पति आठवें घर में होने पर व्यक्ति को अक्सर ईश्वरीय मदद मिलती रहती है। यह मदद जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करती है।
ज्ञान और विद्या: ऐसा व्यक्ति गुप्त विद्याओं का धनी होता है। उसकी इंट्यूशन पॉवर बहुत स्ट्रॉन्ग होती है।
लीडरशिप क्वालिटी: व्यक्ति अकेले भी कार्य को अंजाम दे सकता है और धीरे-धीरे एक बड़ी टीम तैयार कर सकता है।
पिता और दादा की लंबी आयु: अगर व्यक्ति की आयु 8 साल से अधिक हो गई है और उसके दादा जीवित हैं, तो उनके जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
धार्मिक और आध्यात्मिक रुझान: व्यक्ति का धार्मिक कार्यों में रुझान बना रहेगा और वह फकीर के त्याग को अपना सकता है।
अशुभ प्रभाव
बदनामी: व्यक्ति को बिना किसी कारण के बदनामी का सामना करना पड़ सकता है।
अकेलापन: व्यक्ति को अकेले रहने की आदत पड़ सकती है जिससे उसकी सामाजिकता कम हो सकती है।
बीमारियाँ: जॉन्डिस, हर्मोनल डिसऑर्डर, और अनीमिया जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
गंदे इश्क में पड़कर बदनामी: अगर बुद्ध ग्रह खराब स्थिति में हो, तो व्यक्ति गंदे इश्क में पड़कर बदनाम हो सकता है।
बुरे कार्य: अगर व्यक्ति पूजा-पाठ से दूर भागेगा और धर्म के प्रति आस्था नहीं रखेगा, तो बृहस्पति के अशुभ प्रभाव बढ़ जाएंगे।
परहेज
अकेलापन दूर करें: व्यक्ति को अकेले न रहने दें। उसका सोशल नेटवर्क बढ़ाएँ।
धार्मिक और आध्यात्मिक क्रियाएँ: व्यक्ति को योग साधना, मेडिटेशन, और पूजा-पाठ की आदत डालनी चाहिए।
मुफ्त की चीजों से बचें: व्यक्ति को मुफ्त की चीजों के पीछे नहीं भागना चाहिए।
बुद्ध ग्रह का ध्यान: बुद्ध ग्रह को खराब होने से रोकें ताकि व्यक्ति गंदे इश्क में न पड़े।
उपाय
सोना धारण करें: व्यक्ति हमेशा सोना धारण करके रखे।
दही में केसर या हल्दी: दही में केसर या हल्दी डालकर खाएं।
दान करें: आलू, जिमिकंद, कपूर आदि का मंदिर में दान करें।
पीला सूती धागा: हाथ में पीले रंग का सूती धागा बाँधें।
गन्ने का रस: बीमारियों से बचने के लिए चार दिन लगातार मंदिर में गन्ने का रस दान करें।
जनकल्याण यज्ञ: साल में एक बार जनकल्याण के लिए यज्ञ करवाएँ।
इन उपायों और परहेजों को अपनाकर बृहस्पति के आठवें घर के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है और शुभ प्रभावों को बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष
बृहस्पति का आठवें घर में होना व्यक्ति को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। शुभ प्रभावों को बढ़ाने और अशुभ प्रभावों से बचने के लिए आवश्यक उपाय और परहेज अपनाए जाने चाहिए। इस प्रकार, व्यक्ति अपने जीवन को अधिक सुखमय और सफल बना सकता है।