अनंत चतुर्दशी 2024: तारीख और शुभ मुहूर्त
अनंत चतुर्दशी 2024 को 17 सितंबर को मनाई जाएगी। यह पर्व खासतौर पर अनंत सूत्र बांधने की परंपरा के लिए जाना जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पूजन का मुहूर्त सुबह 06 बजकर 06 मिनट से सुबह 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इस अवधि के दौरान पूजन करने से विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है।
अनंत चतुर्दशी का महत्व
अनंत चतुर्दशी का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व विशेष रूप से गणेश उत्सव के समापन के दिन मनाया जाता है, जिसमें गणपति बप्पा की विदाई की जाती है। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक के दस दिनों के उत्सव के समापन के दिन, बप्पा के विसर्जन के साथ उनकी अगली साल वापसी की प्रार्थना की जाती है।
इसके साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और अनंत सूत्र बांधने की परंपरा निभाई जाती है। अनंत सूत्र या अनंत चूड़िया एक विशेष धार्मिक धागा होता है, जिसे इस दिन पूजा के दौरान बांधने का विधान है। यह सूत्र समृद्धि, सुरक्षा और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है।
अनंत सूत्र बांधने की विधि
- पूजा स्थल तैयार करें: सबसे पहले, पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें। वहां एक छोटी सी वेदी पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति रखें।
- स्नान और वस्त्र: खुद को शुद्ध करने के लिए स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा सामग्री: पूजा के लिए अनंत सूत्र, कलावा, अक्षत, फूल, दीपक, और नैवेद्य की तैयारी करें।
- पूजा आरंभ: सबसे पहले भगवान विष्णु की पूजा करें। उन्हें फूल अर्पित करें और दीपक जलाएं।
- अनंत सूत्र बांधना: पूजा के बाद, अनंत सूत्र को विशेष तरीके से बांधें। इसे दाएं हाथ की कलाई पर बांधना चाहिए। इस धागे को बांधते समय भगवान विष्णु की प्रार्थना करें और उनसे सुरक्षा और समृद्धि की कामना करें।
- भोग और आरती: पूजा के अंत में भगवान विष्णु को भोग अर्पित करें और आरती करें।
निष्कर्ष
अनंत चतुर्दशी एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है, जो न केवल गणेश उत्सव के समापन का प्रतीक है बल्कि भगवान विष्णु की पूजा और अनंत सूत्र बांधने की परंपरा के साथ धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। सही विधि और मुहूर्त के अनुसार पूजा करके आप इस दिन के विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।