ऋषि पंचमी कब है? जानें दो शुभ योग, पूजा मुहूर्त, मंत्र और इसका महत्व

ऋषि पंचमी, भारतीय पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह तिथि विशेष रूप से ऋषियों की पूजा और उनके प्रति श्रद्धा अर्पित करने के लिए समर्पित होती है। इस दिन को लेकर विशेष महत्व है, जिसे जानना हर भक्त के लिए आवश्यक है। आइए, इस लेख में जानते हैं ऋषि पंचमी की तिथि, शुभ योग, पूजा मुहूर्त, मंत्र और इसके महत्व के बारे में।

ऋषि पंचमी की तिथि

इस साल ऋषि पंचमी 2024 में 9 सितंबर को मनाई जाएगी। यह तिथि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि होती है, जब चंद्रमा और सूर्य के विशेष प्रभाव से धार्मिक अनुष्ठान और पूजा विधियों की विशेष मान्यता होती है।

शुभ योग

इस साल ऋषि पंचमी के अवसर पर दो महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहे हैं:

  1. शुभ कर्ण योग: यह योग विशेष रूप से पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन अपने इष्ट देवता की पूजा और व्रत का पालन करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
  2. सर्वार्थसिद्धि योग: यह योग किसी भी महत्वपूर्ण कार्य या पूजा के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। इस योग में की गई पूजा और अनुष्ठान विशेष फलदायी होते हैं और भक्तों को मानसिक शांति और सुख-समृद्धि का अनुभव होता है।

पूजा मुहूर्त

ऋषि पंचमी की पूजा के लिए विशेष मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। इस साल के लिए पूजा का उचित समय प्रात: 6:00 से 9:00 बजे के बीच रहेगा। इस दौरान पूजा करने से व्रति को अधिक लाभ और पुण्य प्राप्त होता है।

पूजा विधि

  1. स्नान: प्रात: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थल की तैयारी: पूजा स्थल को साफ करके वहां एक स्वच्छ आसन बिछाएं।
  3. ऋषि पूजा: ऋषियों की मूर्तियों या चित्रों को शुद्ध जल, फूल और अर्पण करें।
  4. मंत्र जाप: नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।
  5. अर्चना और भोग: देवी-देवताओं को भोग अर्पित करें और आरती करें।

मंत्र

ऋषि पंचमी की पूजा में निम्नलिखित मंत्रों का जाप विशेष लाभकारी होता है:

  • ॐ ऋषिभ्यः नमः
  • ॐ सर्वऋषिभ्यः नमः
  • ॐ ब्रह्मऋषिभ्यः नमः

इन मंत्रों के जाप से ऋषियों की कृपा प्राप्त होती है और सभी विघ्न दूर होते हैं।

महत्व

ऋषि पंचमी का महत्व विशेष रूप से ऋषियों और सन्तों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने से जुड़ा है। यह दिन भक्तों को अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करने और आत्मिक शुद्धि का अवसर प्रदान करता है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से भक्तों की इच्छाएं पूरी होती हैं और वे मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होते हैं।

इसलिए, ऋषि पंचमी के दिन उचित समय पर पूजा करना और धार्मिक विधियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह दिन आपके जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली लाने का एक अद्वितीय अवसर है।

इस विशेष दिन को लेकर अपनी श्रद्धा और आस्था बनाए रखें और इसे अपने जीवन में एक महत्वपूर्ण अवसर मानें।

FAQs on ऋषि पंचमी

Q1: ऋषि पंचमी कब मनाई जाती है?
A: ऋषि पंचमी भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल 2024 में ऋषि पंचमी 9 सितंबर को मनाई जाएगी।

Q2: ऋषि पंचमी का क्या महत्व है?
A: ऋषि पंचमी का महत्व ऋषियों और संतों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करना है। इस दिन की पूजा और व्रत से आत्मिक शुद्धि, पापों से मुक्ति, और मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति होती है।

Q3: ऋषि पंचमी के दिन कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?
A: इस साल ऋषि पंचमी के दिन दो महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहे हैं:

  • शुभ कर्ण योग: पूजा और धार्मिक कार्यों के लिए शुभ।
  • सर्वार्थसिद्धि योग: किसी भी महत्वपूर्ण कार्य या पूजा के लिए लाभकारी और विशेष फलदायी।

Q4: ऋषि पंचमी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?
A: 2024 में ऋषि पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात: 6:00 से 9:00 बजे के बीच है। इस समय के दौरान पूजा करने से व्रति को विशेष लाभ और पुण्य की प्राप्ति होती है।

Q5: ऋषि पंचमी पर कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए?
A: ऋषि पंचमी पर निम्नलिखित मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है:

  • ॐ ऋषिभ्यः नमः
  • ॐ सर्वऋषिभ्यः नमः
  • ॐ ब्रह्मऋषिभ्यः नमः
    इन मंत्रों के जाप से ऋषियों की कृपा प्राप्त होती है और सभी विघ्न दूर होते हैं।

Q6: ऋषि पंचमी की पूजा विधि क्या है?
A: ऋषि पंचमी की पूजा विधि में प्रात: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनना, पूजा स्थल को साफ करना, ऋषियों की मूर्तियों या चित्रों को शुद्ध जल और फूल अर्पित करना, मंत्र जाप करना, और भोग अर्पण करके आरती करना शामिल है।

Q7: ऋषि पंचमी पर कौन से व्रत का पालन किया जाता है?
A: ऋषि पंचमी पर महिलाएं विशेष रूप से व्रत रखती हैं। यह व्रत पवित्रता और शुद्धता के साथ किया जाता है और व्रति को दिनभर उपवास करके पूजा करनी होती है।

Q8: क्या ऋषि पंचमी का व्रत पुरुषों के लिए भी है?
A: हां, ऋषि पंचमी का व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं। यह व्रत ऋषियों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने और पापों से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है।

Q9: क्या ऋषि पंचमी पर किसी विशेष भोजन का निषेध है?
A: ऋषि पंचमी के व्रत में विशेष रूप से अन्न का त्याग किया जाता है। इस दिन व्रति केवल फलाहार, दूध, और अन्य शुद्ध भोजन का सेवन करते हैं।

Q10: ऋषि पंचमी के दिन क्या-क्या नहीं करना चाहिए?
A: ऋषि पंचमी पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें और किसी भी तरह की अशुद्धता से बचें। इस दिन अनुशासनहीनता, अशिष्टता, और पूजा में लापरवाही से बचना चाहिए। सभी विधियों का पूरी श्रद्धा और पवित्रता के साथ पालन करें।

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