अखंड सौभाग्य के लिए रखे जाने वाला करवाचौथ व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को होता है। इस बार यह व्रत 20 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा।
इस दिन सुहागिनें पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा की पूजा के बाद अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगती हैं। रात में चंद्र दर्शन के साथ विधि-विधान से व्रत की समाप्ति होती है।
ज्योतिष के अनुसार, इस व्रत से जुड़े कई खास नियम बताए गए हैं, जिन्हें पालन करना शुभ माना जाता है। यदि आप भी इस साल करवाचौथ का व्रत रखने जा रही हैं, तो इन नियमों को जानना आपके लिए जरूरी है।
करवाचौथ व्रत के नियम और सही तरीका
1. निर्जला व्रत रखें
करवाचौथ के दिन पूरे दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए व्रत करना चाहिए। चंद्रमा की पूजा के बाद ही जल पीना शुभ माना जाता है।
2. लड़ाई-झगड़े से दूर रहें
इस दिन किसी से विवाद या झगड़ा करने से बचें। साथ ही नकारात्मक सोच और बुरे शब्दों का त्याग करें, ताकि व्रत का शुभ प्रभाव बना रहे।
3. इन देवी-देवताओं की पूजा करें
करवा माता की पूजा के साथ-साथ भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय की पूजा अवश्य करें। यह पूजा दांपत्य जीवन में खुशहाली और सौभाग्य लाने में मदद करती है।
4. श्रृंगार की इन 6 चीजों का करें उपयोग
मेहंदी, सिंदूर, मंगलसूत्र, चूड़ियां, बिंदी और बिछिया पहनकर ही करवा चौथ की पूजा करें। मान्यता है कि इससे सौभाग्य और वैवाहिक सुख में वृद्धि होती है।
5. सही दिशा में करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूजा के समय मुख पूर्व दिशा की ओर रखें और पीठ पश्चिम दिशा में हो। करवा माता की प्रतिमा या फोटो भी पूर्व दिशा में स्थापित करें।
6. मिट्टी के करवे से दें अर्घ्य
चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए मिट्टी का करवा इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह पृथ्वी तत्व का प्रतीक है। इससे व्रत के फल में वृद्धि होती है।