साल 2024 में शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है और 12 अक्टूबर को दशहरा के साथ इसका समापन होगा। यह पावन नौ दिवसीय उत्सव देवी दुर्गा की आराधना का समय है, जिसमें सनातन धर्म के अनुयायी देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं।
नवरात्रि की शुरुआत
इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर, गुरुवार को घटस्थापना और शैलपुत्री पूजा के साथ होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को रात 12 बजकर 18 मिनट पर शुरू हुई थी और 4 अक्टूबर को रात 2 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, उदया तिथि यानी जिस दिन सूर्योदय होता है, वही तिथि मानी जाती है, इसलिए नवरात्रि का आरंभ 3 अक्टूबर से होगा।
घटस्थापना और पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसे अत्यंत शुभ और आवश्यक माना जाता है। इस दिन कलश की स्थापना की जाती है और मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा आरंभ होती है। घटस्थापना का समय शुभ मुहूर्त के अनुसार ही किया जाता है, जिससे देवी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके और भक्तों का जीवन सुखमय हो।
महत्वपूर्ण संयोग: हस्त और चित्रा नक्षत्र
इस वर्ष नवरात्रि के पहले दिन एक खास ज्योतिषीय संयोग भी बन रहा है। 3 अक्टूबर को हस्त और चित्रा नक्षत्र का अद्भुत योग रहेगा, जो इस दिन को और भी खास बना देगा। ज्योतिषियों के अनुसार, इस योग में की गई पूजा से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है और उनके सभी कष्ट दूर होते हैं।
नवरात्रि का समापन और दशहरा
नवरात्रि का समापन 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ होगा, जिसके बाद 12 अक्टूबर को देवी दुर्गा की विदाई के रूप में दशहरा मनाया जाएगा। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इस दिन देवी दुर्गा की पूजा के बाद उन्हें विसर्जित किया जाता है।
शारदीय नवरात्रि का महत्व
शारदीय नवरात्रि सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह केवल देवी दुर्गा की आराधना का समय नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आंतरिक शांति प्राप्त करने का भी समय होता है। नवरात्रि के नौ दिन उपवास, पूजा-पाठ और ध्यान के माध्यम से देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर देते हैं।
इस पावन अवसर पर श्रद्धालु भक्त पूरे नौ दिनों तक उपवास रखते हैं और विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं। नवरात्रि का हर दिन एक विशेष रूप से जुड़ा हुआ होता है, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि लाने का प्रतीक होता है।
नवरात्रि के इस पवित्र समय में आप सभी को देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त हो और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन हो।