सकट चौथ व्रत का महत्व
सकट चौथ व्रत, जिसे माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, हिंदू धर्म में एक विशेष धार्मिक पर्व के रूप में माना जाता है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से संतान की दीर्घायु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत का प्रमुख उद्देश्य संतान की लंबी उम्र की कामना करना और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति पाना है।
सकट चौथ व्रत क्यों मनाया जाता है?
मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश की पूजा से भक्तों की हर तरह की परेशानियों और संकटों का निवारण होता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता माना जाता है, और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है। खासतौर पर, महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अपनी संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त करती हैं, ताकि उनका परिवार खुशहाल और समृद्ध बने।
व्रत की विधि और पूजा
सकट चौथ व्रत का पालन बहुत ही विधिपूर्वक और श्रद्धा से किया जाता है।
- व्रत का संकल्प:
व्रति महिलाएं इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और व्रत का संकल्प करती हैं। - भगवान गणेश की पूजा:
इस दिन गणेश जी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। गणेश जी की प्रतिमा को स्नान कराकर उन्हें नए वस्त्र पहनाए जाते हैं और उनका 16 श्रृंगार किया जाता है। - प्रसाद का भोग:
गणेश जी को मोदक, दूध, फल और तिल-गुड़ का भोग अर्पित किया जाता है। “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप भी फलदायी माना जाता है। - चंद्रमा को अर्घ्य देना:
शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद उसे अर्घ्य दिया जाता है और व्रत खोला जाता है।
सकट चौथ का विशेष महत्व
सकट चौथ व्रत विशेष रूप से संतान की दीर्घायु के लिए किया जाता है। महिलाएं इस दिन व्रत रखकर भगवान गणेश से अपनी संतान के लिए शुभ आशीर्वाद की कामना करती हैं। इसके अलावा, यह व्रत जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी रखा जाता है। गणेश जी की पूजा से न केवल संतान की उम्र बढ़ती है, बल्कि पूरे परिवार में खुशहाली और शांति भी बनी रहती है।
निष्कर्ष
सकट चौथ व्रत एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे संतान के सुख, समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा और संतान के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में हर प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है। इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास से करने से भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
शुभ सकट चौथ!