धन और समृद्धि के लिए रोजाना करें इस चालीसा का पाठ, श्री खाटू श्याम भगवान होंगे प्रसन्न, दूर होंगे सभी दुख और संताप।

हिंदू धर्म के अनुयायी खाटू श्याम भगवान में विशेष आस्था रखते हैं। खाटूश्याम जी भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार माने जाते हैं। राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का भव्य मंदिर स्थित है। खाटू श्याम बाबा को “हारे का सहारा” कहा जाता है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान खाटू श्याम की आराधना करता है, उसके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यहां हम आपको एक ऐसी चालीसा के बारे में बता रहे हैं जिसका रोजाना पाठ करने से भगवान खाटू श्याम की कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस चालीसा के बारे में…

खाटू श्याम चालीसा

दोहा

श्री गुरु चरणन ध्यान धर, सुमीर सच्चिदानंद ।
श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चौपाई छंद ।

चौपाई

श्याम-श्याम भजि बारम्बारा ।
सहज ही हो भवसागर पारा ॥

इन सम देव न दूजा कोई ।
दिन दयालु न दाता होई ॥

भीम पुत्र अहिलावती जाया ।
कही भीम का पौत्र कहलाया ॥

यह सब कथा कही कल्पांतर ।
तनिक न मानो इसमें अंतर ॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा ।
भक्तन हेतु मनुज तन धारा ॥

वसुदेव देवकी प्यारे ।
जसुमति मैया नंद दुलारे ॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी ।
वृजकिशोर गोवर्धन धारी ॥

सियाराम श्री हरि गोविंदा ।
दिनपाल श्री बाल मुकुंदा ॥

दामोदर रणछोड़ बिहारी ।
नाथ द्वारकाधीश खरारी ॥

राधावल्लभ रुक्मणी कंता ।
गोपी बल्लभ कंस हनंता ॥

मनमोहन चित चोर कहाए ।
माखन चोरि-चारि कर खाए ॥

मुरलीधर यदुपति घनश्यामा ।
कृष्ण पतित पावन अभिरामा ॥

मायापति लक्ष्मीपति ईशा ।
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा ॥

विश्वपति जय भुवन पसारा ।
दीनबंधु भक्तन रखवारा ॥

प्रभु का भेद न कोई पाया ।
शेष महेश थके मुनिराया ॥

नारद शारद ऋषि योगिंदर ।
श्याम-श्याम सब रटत निरंतर ॥

कवि कोदी करी कनन गिनंता ।
नाम अपार अथाह अनंता ॥

हर सृष्टी हर सुग में भाई ।
ये अवतार भक्त सुखदाई ॥

ह्रदय माही करि देखु विचारा ।
श्याम भजे तो हो निस्तारा ॥

कौर पढ़ावत गणिका तारी ।
भीलनी की भक्ति बलिहारी ॥

सती अहिल्या गौतम नारी ।
भई शापवश शिला दुलारी ॥

श्याम चरण रज चित लाई ।
पहुंची पति लोक में जाही ॥

अजामिल अरु सदन कसाई ।
नाम प्रताप परम गति पाई ॥

जाके श्याम नाम अधारा ।
सुख लहहि दुःख दूर हो सारा ॥

श्याम सलोवन है अति सुंदर ।
मोर मुकुट सिर तन पीतांबर ॥

गले बैजंती माल सुहाई ।
छवि अनूप भक्तन मान भाई ॥

श्याम-श्याम सुमिरहु दिन-राती ।
श्याम दुपहरी कर परभाती ॥

श्याम सारथी जिस रथ के ।
रोड़े दूर होए उस पथ के ॥

श्याम भक्त न कही पर हारा ।
भीर परि तब श्याम पुकारा ॥

रसना श्याम नाम रस पी ले ।
जी ले श्याम नाम के ही ले ॥

संसारी सुख भोग मिलेगा ।
अंत श्याम सुख योग मिलेगा ॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले ।
मन के गोरे भोले-भाले ॥

श्याम संत भक्तन हितकारी ।
रोग-दोष अध नाशे भारी ॥

प्रेम सहित जब नाम पुकारा ।
भक्त लगत श्याम को प्यारा ॥

खाटू में हैं मथुरावासी ।
पारब्रह्म पूर्ण अविनाशी ॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई ।
चहु दिशि जहां सुनी पाई ॥

वृद्ध-बाल जेते नारि नर ।
मुग्ध भये सुनि बंशी स्वर ॥

हड़बड़ कर सब पहुंचे जाई ।
खाटू में जहां श्याम कन्हाई ॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा ।
भव भय से पाया छुटकारा ॥

Leave a Reply

Connect with Astrologer Parduman on Call or Chat for personalised detailed predictions.

More Posts

Contact Details

Stay Conneted

    Shopping cart

    0
    image/svg+xml

    No products in the cart.

    Continue Shopping