सावन की पहली एकादशी: सही तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व जानें!

एकादशी तिथि का शास्त्रों में महत्वपूर्ण स्थान है, जो भगवान विष्णु को समर्पित होती है। साल में कुल 24 एकादशी होती हैं, जिनमें हर महीने दो एकादशी आती हैं। इस बार हम बात करेंगे कामिका एकादशी की, जो सावन माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के बाद आती है। इस वर्ष यह 31 जुलाई को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष रूप से घ्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है। आइए जानें तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में…

कामिका एकादशी: तिथि और शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 30 जुलाई को शाम 4:43 बजे शुरू होगी और 31 जुलाई को शाम 3:54 बजे समाप्त होगी। कामिका एकादशी का व्रत सूर्योदय को ध्यान में रखते हुए 31 जुलाई को मनाया जाएगा। पारण 1 अगस्त को सुबह 5:42 बजे से 8:24 बजे तक किया जा सकता है।

शुभ योगों की जानकारी

वैदिक पंचांग के अनुसार, कामिका एकादशी पर ध्रुव योग बन रहा है, जो सुबह से शुरू होकर दोपहर 2:13 बजे तक रहेगा। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ फलदायी होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जिसमें किए गए सभी कार्य सफल हो जाते हैं।

कामिका एकादशी का महत्व जानें

कामिका एकादशी का व्रत भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशेष अवसर है। इस व्रत के माध्यम से व्यक्ति सभी पापों और समस्याओं से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है। इसके अलावा, कामिका एकादशी के पूजन से पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन दान और पुण्य कार्य करना भी अत्यंत लाभकारी होता है।

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