अन्नपूर्णा जयंती एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जो हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां अन्नपूर्णा की पूजा की जाती है, जो अन्न और धन की देवी मानी जाती हैं। मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से घर में अन्न का कोई अभाव नहीं रहता और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं अन्नपूर्णा जयंती 2024 कब मनाई जाएगी, इसके महत्व और पूजा विधि के बारे में।
अन्नपूर्णा जयंती कब है 2024?
इस वर्ष अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर 2024 को मनाई जाएगी। मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि 14 दिसंबर को शाम 04:58 बजे शुरू होगी और 15 दिसंबर को दोपहर 02:31 बजे समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार अन्नपूर्णा जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी।
अन्नपूर्णा जयंती 2024 का शुभ मुहूर्त
15 दिसंबर 2024 को अन्नपूर्णा जयंती के दिन विशेष पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से 12:43 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां अन्नपूर्णा की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
अन्नपूर्णा जयंती पूजा विधि
अन्नपूर्णा जयंती के दिन विशेष पूजा विधि का पालन करना चाहिए। पूजा विधि निम्नलिखित है:
- स्नान और वस्त्र: पूजा के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- मंदिर की सफाई और मूर्ति स्थापना: फिर मंदिर की सफाई करें और मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें।
- पूजा सामग्री: पूजा में कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, तुलसी आदि अर्पित करें।
- भोग अर्पित करें: मां अन्नपूर्णा को हलवा और पूड़ी का भोग अर्पित करें।
- मंत्र जाप और आरती: पूजा के बाद मां के मंत्र का जाप करें और आरती करें।
- प्रसाद वितरण: पूजा समाप्त होने के बाद भोग का प्रसाद वितरित करें।
अन्नपूर्णा जयंती का महत्व
अन्नपूर्णा जयंती का व्रत सनातन परंपरा में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा से अन्न, धन की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से न केवल अन्न का भंडार भरा रहता है, बल्कि घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इसके साथ ही इस दिन गरीबों को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।
अन्नपूर्णा जयंती का पर्व हमारे जीवन में समृद्धि और सुख-शांति का प्रतीक है। इस दिन की पूजा करने से जीवन में खुशहाली और प्रचुरता आती है, और अन्न की कोई कमी नहीं रहती।