ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस समय सूर्य अपनी स्वराशि सिंह में स्थित हैं, जबकि गुरु वृषभ राशि में विराजमान हैं। साथ ही, 26 अगस्त को मंगल ग्रह ने मिथुन राशि में प्रवेश किया है। ग्रहों का यह गोचर कुछ राशियों के जातकों की किस्मत को चमका सकता है। 26 अगस्त से 15 सितंबर के बीच गुरु, सूर्य और मंगल का ऐसा दुर्लभ संयोजन बनेगा, जिससे कुछ राशियों को विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। इसके अलावा, मंगल और गुरु दोनों मृगशिरा नक्षत्र में स्थित हैं, जिससे उनकी शक्ति कई गुना बढ़ गई है। मंगल, शुक्र और सूर्य परम मित्र ग्रह हैं। आइए जानते हैं कि सूर्य, मंगल और गुरु का यह गोचर किन राशियों के लिए भाग्यशाली साबित हो सकता है।
मेष राशि (Aries Zodiac):
मेष राशि के जातकों के लिए गुरु, मंगल और सूर्य का गोचर बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। सूर्य इस राशि के लग्न भाव (पराक्रम भाव) में स्थित है, जबकि गुरु तीसरे भाव में विराजमान है और पंचम भाव में सूर्य की सीधी दृष्टि शनि पर पड़ रही है। तीनों ग्रहों के आपसी मित्र होने के कारण, मेष राशि के जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। लंबे समय से चली आ रही समस्याएं अब समाप्त हो सकती हैं, और पैसों की तंगी से भी राहत मिलेगी। करियर में विशेष प्रगति होने की संभावना है, और सूर्यदेव की कृपा से आपके काम की सराहना होगी, जिससे पदोन्नति हो सकती है। छात्रों के लिए भी यह समय लाभकारी साबित हो सकता है, खासकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे जातकों के लिए। शेयर मार्केट और सट्टेबाजी में निवेश करने वालों को अच्छा धन लाभ हो सकता है। बिजनेस में किए गए परिवर्तन अब लाभदायक साबित होंगे। स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
मकर राशि (Capricorn Zodiac):
मकर राशि के जातकों के लिए यह गोचर विशेष लाभकारी हो सकता है। शनि कुंडली के धन भाव में, गुरु पंचम भाव में, मंगल छठे भाव में, और सूर्य अष्टम भाव में विराजमान हैं। इस समय, मकर राशि के जातकों को अप्रत्याशित धन लाभ हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो बिजनेस में पैसा फंसा चुके हैं—वह अब वापस मिल सकता है। शनि की साढ़े साती के अंतिम चरण के बावजूद, सूर्य इस राशि में विपरीत राजयोग बना रहे हैं, जो कि बहुत ही शुभ माना जाता है। दोस्तों के साथ अच्छा समय बीतेगा, और गुरु-मंगल की कृपा से मेहनत का फल मिलने का समय आ गया है। नौकरीपेशा जातकों के लिए भी यह समय लाभकारी होगा, समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा, संतान सुख प्राप्त होगा, और शिक्षा के क्षेत्र में भी सफलता मिल सकती है। मंगल की दृष्टि बारहवें भाव पर पड़ रही है, जिससे विदेश यात्रा या विदेश में व्यापार करने वालों को लाभ मिल सकता है।
तुला राशि (Libra Zodiac):
तुला राशि के जातकों के लिए मंगल भाग्य भाव में, गुरु अष्टम भाव में, और सूर्य लाभ भाव में स्थित हैं, जिससे उन्हें अत्यधिक लाभ मिल सकता है। मंगल और गुरु मृगशिरा नक्षत्र में स्थित हैं, और गुरु का छठे भाव का स्वामी होकर अष्टम भाव में होना विपरीत राजयोग का निर्माण कर रहा है। इस कारण तुला राशि के जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलने की संभावना है। शनि इस राशि के पंचम भाव में स्थित है, जिससे विवाह में आने वाली रुकावटें दूर होंगी, और अविवाहितों को शादी के प्रस्ताव मिल सकते हैं। दांपत्य जीवन में चल रही समस्याएं भी समाप्त हो सकती हैं। व्यापार में लगातार आ रही रुकावटें अब दूर होंगी, और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए स्रोत खुलेंगे, और धन का संचय करने में भी सफलता मिलेगी। सूर्य की कृपा से समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा, और कई तरह के दोषों से मुक्ति मिलेगी।