विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024: जानें 20 सितंबर को पूजा के शुभ मुहूर्त और विशेष विधि

साल 2024 में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 20 सितंबर को मनाई जाएगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस दिन आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रात 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और 21 सितंबर को शाम 6 बजकर 13 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन के समस्त विघ्न दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है। संकष्टी चतुर्थी के दौरान चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त शाम 8 बजकर 29 मिनट पर है। आइए जानते हैं इस पावन दिन की पूजा विधि और कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि

  1. व्रत का संकल्प: संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद गणपति व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन उपवास रखें।
  2. लाल रंग के वस्त्र: इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है क्योंकि यह रंग भगवान गणेश का प्रिय है और इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. पूजा की दिशा: गणपति की पूजा करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। इससे पूजा का फल और अधिक बढ़ जाता है और भगवान गणेश की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
  4. पूजा सामग्री: गणेश जी की पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल, तांबे के कलश में पानी, धूप, चंदन, केला या नारियल का उपयोग करें। यह सभी वस्तुएं भगवान गणेश को प्रिय हैं और इन्हें अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
  5. देवी दुर्गा की उपासना: गणेश जी की पूजा के साथ-साथ देवी दुर्गा की मूर्ति भी रखें और उनकी आराधना करें। इससे मां दुर्गा की कृपा भी प्राप्त होती है।
  6. दान-पुण्य: इस पवित्र दिन पर गरीबों को अन्न, धन, और वस्त्र का दान करें। दान-पुण्य से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
  7. संकष्टी कथा का पाठ: पूजा के बाद संकष्टी कथा का पाठ अवश्य करें। इस कथा के श्रवण से भगवान गणेश के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और जीवन के सभी विघ्न समाप्त होते हैं।
  8. रात्रिकालीन पूजा: संकष्टी चतुर्थी की पूजा दिन में करने के बाद रात्रि में भी भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। रात्रिकालीन पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है और भगवान गणेश की कृपा सदैव बनी रहती है।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का महत्व

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन गणेश जी की आराधना करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। यह दिन विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित होता है और इसे भक्तगण अत्यंत श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं। इस दिन उपवास रखने और गणपति की पूजा-अर्चना से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास होता है।

निष्कर्ष

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 2024 का यह दिन भगवान गणेश की आराधना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम अवसर है। पूजा विधि का पालन कर और दान-पुण्य कर आप अपने जीवन में सकारात्मकता और खुशियों का संचार कर सकते हैं। इस पवित्र दिन को पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाएं और गणेश जी की कृपा प्राप्त करें।

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