रक्षाबंधन हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और सम्बंध को साझा करता है। इस पावन पर्व को हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस वर्ष, रक्षाबंधन का त्योहार [तिथि] को पड़ रहा है। इस दिन भाई-बहन एक दूसरे के प्रति अपनी विशेष बंधन की प्रतीति करते हैं।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का यह पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। इसे रक्षाबंधन कहते हैं क्योंकि इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई भी बहन के प्रति अपने समर्पण और सम्मान का प्रकटीकरण करते हैं।
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त [मुहूर्त की जानकारी डालें] है। इस समय पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाने से धार्मिक और सामाजिक प्रसन्नता में वृद्धि होती है।
राखी बांधने का समय भद्राकाल
ज्योतिष में भद्राकाल का समय अशुभ माना जाता है। इस समय में किसी भी शुभ कार्य को करने से विवाद या परेशानी हो सकती है। इसी तरह, भद्राकाल में राखी बांधने से भाई-बहन के रिश्ते में अनिच्छित परिस्थितियाँ आ सकती हैं। इसलिए, भाई-बहन को राखी बांधने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करना चाहिए।
भद्राकाल का समय:
- रक्षाबंधन भद्रा अंत समय – 01:30 बजे रात्रि
- रक्षाबंधन भद्रा पूंछ – सुबह 09:51 बजे से 10:53 बजे
- रक्षाबंधन भद्रा मुख – सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे
राखी बांधने का मंत्र:
“येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल।।”