गुप्त नवरात्रि 2024: 10 दिवसीय विशेष उपाय और पूजा विधि

प्रस्तुति : सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी

इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई शनिवार से आरंभ होंगे और इनका समापन 15 जुलाई सोमवार को होगा। गुप्त नवरात्रि इस बार नौ की बजाए 10 दिन के हैं।

धार्मिक मान्यता के अनुसार सतयुग में चैत्र मास की नवरात्रि, त्रेतायुग में आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रचलन रहा है।  सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में मां भगवती की पूजा करने से गुप्त तांत्रिक विद्याएं प्राप्त होती हैं। यह साधना किसी से चर्चा के बिना की जाती है इसलिए इन दिनों में कहीं उत्सवों के आयोजन आदि की परम्परा नहीं है।

गप्त नवरात्रि में हर टोटके का है महत्व

– गुप्त नवरात्रि की पूजा के समय मां दुर्गा के चरणों में किसी भी रंग का कमल का फूल अर्पित करने से मनोकामना पूर्ण होती है।

– गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को हर रोज 7 लौंग चढ़ाने से घर व व्यापार में नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव नहीं होता है।

– गुप्त नवरात्र में लाल कपड़े में अक्षत और कुछ कौड़ी बांधकर घर की तिजोरी में रख दें। फिर व्रत के आखिरी दिन घर में कहीं दबा दें। ऐसा करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी।

– विवाह में आ रही सारी अड़चने दूर करने के लिए माता पार्वती को 7, 9 या 11 हल्दी की गांठें अर्पित करें।

– फिटकरी को काले कपड़े में बांधकर घर के मेन गेट के पास बांधने से धन का आगमन होगा और नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव खत्म होगा।

– देवी के मंदिर में जाकर घी का दीपक लगाएं। इससे कोर्ट केस में जीत हासिल होगी।

– जरूरतमंदों को काले तिल दान करें इससे धन की कमी नहीं होगी।

– गुप्त नवरात्रि में पीपल के पत्ते पर राम लिखें और उस पर कुछ मीठा रखकर हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। इससे धन लाभ होगा।

इसलिए की जाती गुप्त तरीके से पूजा

गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा गुप्त तरीके से इसलिए की जाती है क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य उपासना और ध्यान के द्वारा स्वयं को समर्पित करना होता है।

वसंत और शारदीय नवरात्रि गृहस्थों और आमजनों के लिए है परंतु गुप्त नवरात्रि संतों या ऐसे साधकों के लिए है जो अपनी आध्यात्मिक साधना में गहराई तक पहुंचना चाहते हैं।

गृहस्थ जीवन वाले करें सामान्य पूजा

गुप्त नवरात्र की प्रतिपदा तिथि 6 जुलाई सुबह 4ः24 मिनट पर होगा जबकि इसका समापन अगले दिन 7 जुलाई सुबह 4ः25 मिनट पर होगा। इसमें पहले दिन तांत्रिक घटस्थापना करेंगे जबकि गृहस्थ जीवन वाले मां भगवती की सामान्य पूजा करेंगे।

घटस्थापना मुहूर्त – सुबह 05ः29 से सुबह 10ः07 बजे तक।

घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 12:00 से दोपहर 12ः54 बजे तक।

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