जन्म नाम वह होता है जो बच्चे के जन्म समय की चंद्र राशि और नक्षत्र के चरण के आधार पर रखा जाता है। यह नाम वैदिक प्रक्रिया द्वारा निश्चित किया जाता है, और शास्त्रों में इसे विशेष महत्त्व दिया गया है।
शास्त्रों के अनुसार, जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में स्थित होता है, वही जन्म राशि कहलाती है। उस समय के नक्षत्र और उसके चरण के अनुसार एक विशेष नाम अक्षर निर्धारित होता है। इसी अक्षर से आरंभ होने वाला नाम, जन्म नाम कहलाता है, जो कि व्यक्ति के जीवन में ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव को दर्शाता है।
📜 भगवान राम का उदाहरण
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि भगवान श्रीराम का जो नाम हम सब जानते हैं — ‘राम’ — वह जन्म नाम नहीं था। भगवान का जन्म नवमी तिथि को पुष्य नक्षत्र में हुआ था, और उस आधार पर उनका जन्म नाम हिरण्यनाथ (या हिरण्य यादव) होना चाहिए था। किंतु शास्त्रीय निर्देशों के अनुसार, इस नाम को प्रचारित नहीं किया गया।
यह उदाहरण यह स्पष्ट करता है कि कभी-कभी जन्म नाम को गोपनीय रखा जाता है, और किसी अन्य नाम को सामाजिक नाम (प्रचलित नाम) के रूप में मान्यता दी जाती है।
🤔 प्रचलित नाम का क्या?
प्रचलित नाम वह होता है जो समाज में, स्कूल-कॉलेज में, नौकरी या व्यवसाय में उपयोग होता है। यह नाम कभी-कभी भावनात्मक, पारिवारिक या धार्मिक कारणों से रखा जाता है और अक्सर यह जन्म नाम से भिन्न होता है।
हालांकि यह नाम दैनिक जीवन में चलता है, परंतु यदि यह जन्म राशि और नाम अक्षर के अनुरूप हो, तो इसे भी ज्योतिषीय कार्यों में उपयोग किया जा सकता है।
🔍 जब नाम अलग हों तो क्या करें?
यदि किसी व्यक्ति का जन्म नाम और प्रचलित नाम दोनों अलग-अलग हों, और उनकी राशियाँ भी भिन्न हों, तो सभी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय निर्णय — जैसे कि विवाह का मुहूर्त, साढ़ेसाती, ढैय्या, गु transit आदि — जन्म नाम (चंद्र राशि आधारित) से ही देखे जाने चाहिए।
प्रचलित नाम चाहे कुछ भी हो, किन्तु यदि वह जन्म नक्षत्र के अनुरूप नहीं है, तो वह ज्योतिषीय गणनाओं में उपयुक्त नहीं माना जाता।
जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, वह आपकी असली जन्म राशि होती है।
उस राशि व नक्षत्र से निर्धारित अक्षर से नामकरण करना शास्त्रसम्मत होता है।
प्रचलित नाम जीवन के व्यवहारिक पक्ष में उपयोगी है, परंतु ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जन्म नाम ही मान्य है।
यदि प्रचलित नाम भी जन्म राशि के अनुसार रखा जाए, तो वह ज्योतिषीय रूप से भी उपयोग में लिया जा सकता है।
तो अगली बार जब आप अपनी राशि या मुहूर्त की बात करें, तो यह जरूर जान लें कि असली गणना आपके जन्म नाम से ही की जानी चाहिए।