भारतीय संस्कृति और परंपराओं में कई ऐसे प्रतीक और धारणाएँ हैं जिनका गहरा आध्यात्मिक महत्व है। इनमें से एक महत्वपूर्ण प्रतीक है ‘कीर्तिमुख’। आपने अक्सर देखा होगा कि कई घरों के दरवाजों या प्रवेश द्वार के ऊपर एक रहस्यमयी चेहरा स्थापित होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह चेहरा कौन है और इसे घर के बाहर क्यों रखा जाता है? आइए, इस रहस्य को समझते हैं।
कीर्तिमुख की पौराणिक कथा
कीर्तिमुख एक पौराणिक चरित्र है जिसका संबंध भगवान शिव से है। एक बार की बात है, एक योगी ने ध्यान और तपस्या के माध्यम से विशेष शक्तियाँ प्राप्त कर लीं। इन शक्तियों के कारण वह कई असाधारण कार्य कर सकता था, जिससे वह गर्वित हो गया। उसका यह अभिमान भगवान शिव को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने अपनी तीसरी आँख से कीर्तिमुख का निर्माण किया। कीर्तिमुख एक भयानक राक्षस था जिसे शिव ने उस गर्वित योगी को दंड देने के लिए भेजा।
कीर्तिमुख का आत्मबलिदान
कीर्तिमुख ने उस योगी को खाने के लिए दौड़ लगा दी, लेकिन डर के मारे योगी ने भगवान शिव से क्षमा याचना की। भगवान शिव ने कीर्तिमुख को योगी को न खाने का आदेश दिया, परंतु कीर्तिमुख ने उनसे पूछा, “मैं अब किसे खाऊं, मुझे बहुत भूख लगी है?” तब भगवान शिव ने उसे आदेश दिया कि वह खुद को ही खा ले। कीर्तिमुख ने भगवान के आदेश का पालन किया और स्वयं को ही खाने लगा। उसने धीरे-धीरे अपना पूरा शरीर खा लिया।
कीर्तिमुख को मिला वरदान
जब कीर्तिमुख ने अपने शरीर का अधिकांश हिस्सा खा लिया, तब भगवान शिव ने उसे रोका और कहा, “तुम्हें एक विशेष स्थान दिया जाएगा। तुम्हारा नाम कीर्तिमुख होगा और तुम देवताओं से भी ऊपर माने जाओगे। तुम्हारा काम होगा पृथ्वी पर जाकर लोगों के पाप, क्रोध और वासना को खाना।”
कीर्तिमुख की स्थापना का महत्व
इस कथा के बाद से ही लोगों ने कीर्तिमुख को अपने घरों के बाहर स्थापित करना शुरू कर दिया। ऐसा माना जाता है कि कीर्तिमुख घर में प्रवेश करने वाले सभी प्रकार के नकारात्मक ऊर्जा, पाप, क्रोध और वासना को खा लेता है और घर को शुद्ध रखता है। यही कारण है कि इस चेहरे को घर के बाहर एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है।
क्या आपके घर पर भी है कीर्तिमुख?
अब जब आप इस पौराणिक कथा और इसके महत्व को जान चुके हैं, तो सोचिए कि क्या आपके घर पर भी कीर्तिमुख स्थापित है? अगर नहीं, तो इसे स्थापित करने पर विचार करें और अपने घर को नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्त रखें।
हर हर महादेव
हमें कमेंट्स में जरूर बताएं कि क्या आपके घर पर कीर्तिमुख है और इस पौराणिक कथा के बारे में आपकी क्या राय है। साथ ही, हर हर महादेव कहना न भूलें।