गुरु पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मानित करता है। इस दिन को विशेष रूप से महर्षि वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत की रचना की थी। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व
गुरु पूर्णिमा का पर्व आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। गुरु को भारतीय संस्कृति में सर्वोच्च स्थान दिया गया है, क्योंकि वे जीवन के विभिन्न पहलुओं में मार्गदर्शन करते हैं और ज्ञान की ओर ले जाते हैं।
व्रत और पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। व्रत सूर्योदय से पहले शुरू होता है और रात में पूर्ण चंद्रमा के उदय होने तक जारी रहता है। इस दिन जरूरतमंदों को दान करने का विशेष महत्व होता है और पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
FAQs (Frequently Asked Questions)
- गुरु पूर्णिमा कब मनाई जाती है?
गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 20 जुलाई को शाम 6:00 बजे से शुरू होकर 21 जुलाई को दोपहर 3:48 बजे तक रहेगी।
- गुरु पूर्णिमा का क्या महत्व है?
गुरु पूर्णिमा गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मानित करने का दिन है। यह महर्षि वेद व्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने महाभारत और कई पुराणों की रचना की थी। इस दिन गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।
- गुरु पूर्णिमा पर कौन सा व्रत रखा जाता है?
गुरु पूर्णिमा पर उपवास रखा जाता है, जो सूर्योदय से पहले शुरू होकर रात में पूर्ण चंद्रमा के उदय होने तक जारी रहता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
- गुरु पूर्णिमा पर कौन-कौन से धार्मिक कार्य किए जाते हैं?
गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा-अर्चना, जरूरतमंदों को दान-पुण्य, पवित्र नदी में स्नान, और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इन धार्मिक कार्यों से सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- सनातन धर्म में गुरु का क्या महत्व है?
सनातन धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा प्राप्त है। गुरु शिष्य को न केवल शैक्षिक परीक्षाओं में मार्गदर्शन करता है, बल्कि जीवन की जटिलताओं से निपटने में भी मदद करता है। गुरु ज्ञान का पाचन स्वयं करता है और फिर शिष्य की क्षमता के अनुसार उसे प्रदान करता है।
- गुरु पूर्णिमा पर क्या विशेष पूजा की जाती है?
गुरु पूर्णिमा पर विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन चंद्र देव से भी समृद्धि और खुशी के लिए प्रार्थना की जाती है।
गुरु पूर्णिमा एक ऐसा पर्व है जो हमें हमारे गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का अवसर देता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-सौभाग्य की वृद्धि होती है।