ज्योतिषीय गणना के हिसाब से इस बार की होली अलग तरह से होगी क्योंकि होली पर इस बार चंद्रग्रहण होगा। ऐसा योग 100 साल बाद बनने जा रहा है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 24 मार्च को सुबह 9ः55 बजे से आरंभ होगी जो अगले दिन 25 मार्च दोपहर 12ः31 तक रहेगी। ऐसे में रंगों वाली होली 25 मार्च को खेली जाएगी।
यह चंद्रग्रहण सुबह 10ः23 बजे से आरंभ होगा जो दोपहर 3ः02 बजे समाप्त होगा। यहां बताना आवष्यक है कि चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले का समय सूतक काल माना जाता है इसलिए ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना है।
सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार इस बार होलिका दहन पर भद्रा का योग बन रहा है। होली के दिन 25 मार्च को चंद्रग्रहण आरंभ होगा।
इस बार होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त 24 मार्च की रात्रि 11ः14 बजे से लेकर 12ः20 बजे यानि 66 मिनट का रहेगा। इस दौरान किसी भी तरह का पूजा-पाठ व शुभ काम करना वर्जित रहेगा।
राहत की बात यह है कि भारत के किसी भी हिस्से में में होली पर चंद्रग्रहण नहीं दिखेगा इसलिए होली का पर्व पहले की तरह निर्बाध मनाया जा सकेगा और लोग एक दूसरे पर गुलाल डाल सकेंगे।
चंद्रग्रहण से होता यह असर
सूर्यग्रहण हो या चंद्रग्रहण, जिन देशों में यह दिखता है, वहां पर प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। उन देशों में उपद्रव और आगजनी की स्थितियां बन सकती हैं। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा में जनहानि, तूफान भूकंप आदि का प्राकृतिक आपदाओं का ज्यादा प्रकोप देखने को मिलेगा। हालांकि पूरी पृथ्वी पर व्यापारिक कार्यों में तेजी आएगी। इस साल पूरे विश्व में सीमा पर तनाव शुरू हो जाएगा जिससे राजनीतिक उथल पुथल रहेगी। 24 मार्च को सुबह से भद्राकाल लग जाएगी। इस दिन भद्राकाल का प्रारंभ सुबह 9ः55 बजे से हो रही है, जो रात 11 बजकर 13 मिनट तक चलेगा।