विनायक चतुर्थी, सनातन धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान गणेश की आराधना के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाए जाने वाले इस व्रत को लेकर श्रद्धालुओं के बीच विशेष उत्साह रहता है। यह पर्व बुद्धि, विवेक, और शुभता का प्रतीक है। इस साल दिसंबर में विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस पावन दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि।
विनायक चतुर्थी 2024 की तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का आरंभ 4 दिसंबर 2024 को दोपहर 1:10 बजे होगा और यह 5 दिसंबर 2024 को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर, यह व्रत 5 दिसंबर, गुरुवार को रखा जाएगा।
5 दिसंबर 2024 के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 5:11 से 6:05 तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 1:56 से 2:37 तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:21 से 5:49 तक
- निशिता मुहूर्त: रात 11:45 से 6 दिसंबर प्रात: 12:39 तक
विनायक चतुर्थी की पूजा विधि
विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा विधि इस प्रकार है:
- ब्रह्म मुहूर्त में उठें: व्रत के दिन जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध लाल रंग के वस्त्र पहनें।
- सूर्य देव को जल अर्पित करें: स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- मंदिर की शुद्धि: घर के मंदिर को गंगाजल से पवित्र करें।
- गणेश जी की स्थापना: मंदिर में लाल कपड़े पर गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करें।
- पूजन सामग्री अर्पित करें: गणेश जी को लाल फूल, फल, और मोदक अर्पित करें।
- दीप प्रज्वलित करें: देसी घी का दीपक जलाकर गणपति मंत्रों का जाप करें।
- व्रत संकल्प लें: हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें और अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
- आरती करें: अंत में गणेश जी की आरती कर पूजा को संपन्न करें।
धार्मिक महत्त्व
विनायक चतुर्थी व्रत करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। भगवान गणेश की कृपा से व्रतधारी को बुद्धि, विवेक और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। इस व्रत का पालन न केवल आध्यात्मिक लाभ देता है, बल्कि इसे जीवन में शुभता और सकारात्मकता लाने वाला माना गया है।
इस पावन अवसर पर गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन को मंगलमय बनाएं। गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पूजा में समर्पण और श्रद्धा का विशेष महत्व है।