इस बार 13 फरवरी को माघ माह की गणेश जयंती के साथ ही कुंभ संक्रांति का योग बन रहा है। गणेश जयंती पर गणेश की पूजा करने से जहां विघ्नहर्ता भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं। आप जीवन में कहीं फंस गए हैं तो मुश्किल स्थिति से बाहर निकलने के लिए भगवान गणेश की अवश्य पूजा करनी चाहिए।
13 फरवरी को ही दोपहर 3ः31 बजे पर सूर्य ग्रह मकर राशि से निकाल कुंभ राशि में गोचर करेंगे। जब सूर्य कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं तब कुंभ संक्रांति कहलाती है। सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार इस दिन सूर्य देव की उपासना से निरोगी एवं स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है कुंभ संक्रांति के दिन कोई भी 5 फल लेकर उसे मंदिर में दान करने से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है।
कुंभ संक्रांति में पुण्य काल और महापुण्य काल का विशेष महत्व है। पुण्यकाल और महापुण्य काल में दान करने से आर्थिक दशा सुधरने के साथ पितृदोष से भी मुक्ति मिलती है। कुंभ संक्रांति के दिन काले तिल का दान करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
कुंभ संक्रांति का पुण्यकाल प्रातः 9ः50 से दोपहर 3ः50 तक रहेगा। वहीं महापुण्य काल दोपहर 2ः00 बजे से 3ः54 तक रहेगा।
अन्य दान का भी महत्व कम नहीं
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ संक्रांति पर तांबे के बर्तन का दान करने से कुंडली में स्थित सूर्य की स्थिति मजबूत हो सकती है और शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
– जिन लोगों की कुंडली में मंगल और सूर्य ग्रह से संबंधित दोष हैं, उन्हें दूर करने के लिए तांबे का दान करना चाहिए।
– कुंभ संक्रांति के दिन तिल का दान करना लाभदायक है। तिल का दान करने से सूर्यदेव के साथ शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है।
– फरवरी में सूर्य कुंभ राशि में गोचर करने वाले हैं, ऐसे में इस दिन कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी।