राहु का कोई शरीर नहीं होता, बस एक मुँह होता है — यही कारण है कि यह जो भी देता है, अत्यधिक मात्रा में देता है।
पैसा, प्रसिद्धि, इच्छाएं, भय — सब कुछ लिमिटलेस।
इसलिए राहु को जानना ज़रूरी है कि वह आपकी कुंडली में किस ग्रह के साथ बैठा है, किस राशि में है, और क्या वह शुभ परिणाम देगा या नकारात्मक?
राहु और अन्य ग्रहों के संयोजन:
🔮 चंद्रमा + राहु = उच्च मानसिक क्षमता या हाइपर एंज़ायटी
विचारों की भरमार — सही दिशा मिली तो महान चिंतक, नहीं तो मानसिक अस्थिरता।
उपाय: हर अमावस्या को गंगास्नान या गंगाजल से स्नान।
🔆 सूर्य + राहु = अपार प्रसिद्धि या बदनामी
इंसान को या तो चमका देगा या मिट्टी में मिला देगा।
उपाय: सुबह सूर्य को अर्घ्य देना और घर के दक्षिण भाग को बंद और साफ़ रखना।
🗣️ बुध + राहु = बुद्धिमान या चालाक
बोलने में निपुण, परंतु कभी-कभी कुटिल।
उपाय: सफाईकर्मियों को दान, विशेष रूप से कूड़ा उठाने वालों को।
💕 शुक्र + राहु = धन की चाहत या रिश्तों में दरार
भौतिक सुख की लालसा चरम पर होती है।
उपाय: हर अमावस्या को गंगाजल से स्नान और शौचालय सफाई कर्मियों को दान।
🔥 मंगल + राहु = आक्रोश और हाइपरएक्टिविटी
गुस्से में नियंत्रण कठिन।
उपाय: रोज़ाना पसीना बहाने वाली एक्सरसाइज़ — योग, जिम, दौड़।
📚 गुरु + राहु = ‘गुरु चांडाल योग’ नहीं, आज की दुनिया का मास्टर माइंड
ज्ञान से भरपूर लेकिन मूर्ख नहीं — धोखा भी दे सकता है, लेकिन खा नहीं सकता।
उपाय: केवल जब स्वास्थ्य खराब हो, अन्यथा यह संयोजन आज के युग में वरदान है।
राहु के शांति उपाय:
- गंगा स्नान या गंगाजल से अमावस्या को स्नान करें।
- सफाई कर्मियों, विशेषकर टॉयलेट या कूड़ा उठाने वालों को दान दें।
- नशे और फास्ट फूड से दूरी रखें।
- सच्चे और विनम्र जीवन मूल्यों को अपनाएं।
निष्कर्ष:
राहु न तो पूर्णतया बुरा है और न ही हमेशा शुभ। यह केवल एक ऊर्जा है — एक ऐसा बल जो आपको या तो भ्रमित करता है या जागरूक बना देता है।
अगर आप ज्ञान के पथ पर हैं, राहु आपका मित्र बन सकता है।
अगर आप माया के जाल में फंसे हैं, राहु आपको खोखला भी कर सकता है।
तो अगली बार जब कोई राहु से डराए — मुस्कुराइए और कहिए:
“राहु को समझा है, साधा है — अब वही मेरे जीवन को दिशा देगा!”