10 दिसम्बर से 16 दिसम्बर 2023 साप्ताहिक राशिफल
यह समय तमाम तरह की चिंताओं और परेशानियों से उबारने वाला साबित होगा। यदि आप लंबे समय से अपने रोजगार के लिए परेशान थे, तो अधिकतर दिक्कतें दूर हो जाएंगी। मनचाहा रोजगार मिल सकता है। पहले से जॉब पर हैं तो मनचाही जगह पर तबादला या फिर पदोन्नति मिल सकती है। सीनियर्स का पूरा सहयोग मिलने से अपने काम को बेहतर तरीके से अंजाम देने में कामयाब हो जाएंगे। व्यवसाय से जुड़े लोग अपने कारोबार का विस्तार कर सकते हैं। आपकी कारोबार से जुड़ी अच्छी खबर हो सकती है। किसी प्रभावी व्यक्ति की मदद से करियर संबंधी जुड़ी दिक्कतें दूर होंगी। घर में कोई धार्मिक–मांगलिक कार्य संपन्न हो सकता है। इस दौरान प्रियजनों के साथ सुखद समय व्यतीत होगा। स्वजनों के साथ संवाद करने पर गलतफहमियां दूर होंगी और परस्पर स्नेह बढ़ेगा। विद्यार्थियों को भी अच्छी खबर मिल सकती है। प्रेम प्रसंग के लिए यह सप्ताह पूरी तरह से अनुकूल है। पार्टनर के साथ संबंध प्रगाढ़ होंगे। दांपत्य जीवन सुखमय बना रहेगा। सेहत भी सामान्य तौर पर बेहतर रहेगी।
इस महीने की लाइफलाइन
इस महीने आपके लिए लाइफ लाइन यही है कि आजकल लोग future में जिंदगी को बेहतर बनाने में अपनी आज की जिंदगी को ही वक्त नहीं दे रहे है। कल की परेशानी कम रहे इसके चलते आज परेशानी बढ़ा कर जी रहे है। यह सही है कि हर व्यक्ति को भविष्य बनाने की चिंता होनी चाहिए लेकिन ऐसी और इतनी tension किस काम की! जो आपके आज को ही बिगाड़ दे। चाहे सुखी हो या दुखी अमीर हो या गरीब, सफल हो या असफल, अपने आज को शांति से जीना जरूरी है ताकि आपकी सेहत अच्छी रह सके। यदि आगे की इतनी टेंशन आज करी जाए कि आप अपने शरीर में कोई मानसिक या शारीरिक रोग ले बैठे, तो आप भविष्य में बहुत सफल हो जाने पर भी, सुखी और शांत जीवन नहीं जी पाएंगे। हमेशा हमें याद रहना चाहिए कि पहला सुख निरोगी काया ही बताया गया है।
ग्रहों का परिवर्तन
1. 03 नवम्बर से शुक्र षष्ठ भाव कन्या राशि में रहेंगे।
2. 04 नवम्बर से शनि एकादश भाव कंुभ राशि में मार्गी रहेंगे।
3. 06 नवम्बर से बुध अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
4. 16 नवम्बर से मंगल अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
5. 17 नवम्बर से सूर्य अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
6. 27 नवम्बर से बुध नवम भाव धनु राशि में रहेंगे।
7. 30 नवम्बर से शुक्र सप्तम भाव तुला राशि में रहेंगे।
प्रिय साथियों आप में आम या फिर खास कोई भी हो महिने में 2-3 दिन ऐसे होते हैं जो बहोत निराशावादी बना देते हैं। और वो होते हैं मन-मस्तिष्क के कारक चन्द्रमा की नेगेटिव पॉजिशन के कारण। आप उन डेट को नोट करें और रहें हर पल सावधान।
1, 2, 3, 29, 30 दिसम्बर को चौथे
11, 12 दिसम्बर को आंठवे
20, 21 दिसम्बर को बारहवें
शुभ तारीख
1, 2, 3, 9, 10, 15, 16, 17, 22, 23, 29, 30 दिसम्बर को चन्द्रमा-गुरू का गजकेसरी योग, महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग, 11, 12 दिसम्बर को अष्टम भाव में चन्द्रमा-मंगल का लक्ष्मी योग व 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में व 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग, 28 दिसम्बर से अष्टम भाव में बुध-शुक्र का लक्ष्मीनारायण योग व 28 दिसम्बर से मंगल-गुरू कर परिवर्तन योग रहेगा।
बिजनस एंड वेल्थ
1. महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग रहेगा जिससे अपने बिजनस को ईथीकली कानूनों के दायरे में रहकर चलाना इस महीने कोई आपसे सीखे।
2. बुध का 27 दिसम्बर तक सप्तम भाव से 3-11 का सम्बध रहेगा व गुरू की सातवीं व नौवीं दृष्टि सप्तम भाव व नवम भाव पर होने से कुछ महीनों से पीछे रहा हुआ आपका बिजनस इस महीने में स्मूदली आगे मूव हो सकता है।
3. 24 दिसम्बर तक शुक्र-शनि का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस माह मार्केटिंग से आगे आपको बढ़िया पब्लिसिटी और प्रॉफिट मिल सकते हैं।
4. 13 दिसम्बर से बुध वक्री होगे व धन भाव से षडाष्टक दोष रहेगा जिससे सलाह के बगैर म्यूचुअल फंड्स, शेयर बाजार वगैरह में निवेश इस माह ठीक नहीं होगा।
जॉब एंड प्रॉफेशन
1. महीने की शुरूआत से 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग रहेगा जिससे इस महीने में आपकी अच्छी परफॉर्मेंस से जूनियर्स और सीनियर्स सभी राजी और इम्प्रेस होंगे।
2. 27 दिसम्बर तक मंगल-शनि दृष्टि सम्बध व केतु की पाचवीं दृष्टि दशम भाव पर होने से जो भी गवर्नमेंट सर्वेंट्स अपने ट्रांसफर चाहते है तो आपका ये डिसीजन सही प्रूव नहीं हो सकता है।
3. 16 दिसम्बर से सूर्य-गुरू का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस महीने में आपकी वर्किंग और मैनेजिरियल स्किल्स आपको एक अच्छा टीम लीडर बना सकती है।
4. गुरू-शनि का 3-11 का सम्बध व 28 दिसम्बर से मंगल-गुरू का परिवर्तन योग रहने आपका अपडेटेड रिज्यूम और आपका कॉन्फिडेंट एटिट्यूड इस महीने प्राइवेट जॉब आसानी से दिला सकता है।
फेमिली लाइफ, लव लाइफ एंड रिलेशनशिप
1. महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग रहेगा जिससे आप चाहें तो हरेक रिश्ते में आपका सच्चा प्रेम और समर्पण सुख-शांति ला सकतें हैं, ये ही आपके जीवन का इस महीने मूलमंत्र भी रहेगा।
2. 24 दिसम्बर तक शुक्र-शनि का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस महीने में आप शादी की योजना बना सकते हैं और योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।
3. 24 दिसम्बर तक शुक्र-बुध का 3-11 का सम्बध रहेगा रहेगा व गुरू की सातवीं दृष्टि सप्तम भाव पर होने से प्रेमी परिंदे अपने अपने पार्टनर के साथ दिल से जुड़े रहेंगे।
स्टूडेंट्स एंड लर्नर्स
1. महीने की शुरूआत से 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग रहेगा जिसस हायर एजुकेशन में स्टूडेंट्स और लर्नर्स बेस्ट परफॉर्मर्स देने की पूरी कोशिश कर पाएंगे।
2. गुरू की पाचवीं दृष्टि व शनि की सातवीं दृष्टि पंचम भाव पर होने से अलर्ट और अवेयर मोड में रहिएगा, आपको स्कॉलरशिप या दूसरे बेनिफिट्स मिल सकते हैं।
3. 16 दिसम्बर से सूर्य का पंचम भाव से नवम-पंचम राजयोग रहेगा जिससे कम्पिटिटिव कैंडिडेट्स का अपने बढ़िया फ्यूचर और रिजल्ट्स के लिए मेहनत और रिविजन पर पूरा ध्यान रहेगा।
हेल्थ एंड ट्रेवल
1. महीने की शुरूआत से 27 दिसम्बर मंगल-गुरू का षडाष्टक दोष व राहु की नौवीं दृष्टि अष्टम भाव पर होने से इस महीने लापरवाह होकर फालतू ट्रैवल परिवार को बर्बादी की ओर धकेल सकती है, जितना जरूरी हो उतना ही बाहर निकलें।
2. शनि-केतु का षडाष्टक दोष व बुध-केतु का 4-10 का सम्बध रहने से आपको डल वीजन की शिकायत रह सकती है आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
-:उपाय:-
05 दिसम्बर श्री काल भैरवाष्टमी पर- बैलपत्र पर लाल चंदन से ऊं नमः शिवाय लिखकर पूर्व की ओर मुख करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
12 दिसम्बर देव पितृकार्ये भौमवती अमावस्या के पर– 11 पीपल के पत्तो को गंगाजल से साफ धोकर श्रीराम का नाम लिखकर माला बनाकर हनुमान जी को पहनाए व केले का दान किसी गरीब को करें।
16 दिसम्बर मलमास पर- अगर आप किसी विशेष कार्य की सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो मलमास के दौरान प्रतिदिन भगवान विष्णु को केसर मिश्रित दूध दक्षिणावर्ती शंख में डालकर अर्पित करें।
22 दिसम्बर मोक्षदा एकादशी पर- सुख की प्राप्ति के लिए शाम के समय तुलसी के पौधे में गाय के घी का दीपक जलाएं। ऊँ गोविंदाय नमः मंत्र का 11 बार जाप करें।
इस वर्ष शनि कुम्भ राशि में चतुर्थ भाव में और राहु मीन राशि में पंचम भाव में रहेंगे। वर्षारम्भ में गुरू मेष राशि में षष्ठ भाव में रहेंगे और 1 मई को वृष राशि में सप्तम भाव में गोचर करेंगे। मंगल ग्रह अपने सरल गति से गोचर करेंगे। 29 अप्रैल से 28 जून तक शुक्र अस्त रहेंगे।
कार्य व्यवसाय़ Â कार्य व्यवसाय की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ बहुत अच्छा नहीं रहेगा। आपके कार्य øोत्र में गुप्त शत्रुओं Ðारा रुकावटें डाली जा सकती हैं। जिससे आप अपने कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने में कठिनाईओं का अनुभव करेंगे। विश्वास पात्र लोगों के साथ एवं बौ¯िक शक्ति के अनुसार कार्य करते रहें। नौकरी करने वाले व्यक्तियों का स्थानान्तरण होगा। यह स्थानान्तरण आपके ¬ार से दूर हो सकता है।
अप्रैल के बाद गुरु ग्रह का गोचर सप्तम स्थान में होगा। उस समय आप अपने व्यवसाय में अच्छा लाभ प्राप्त करेंगे। आमदनी के नये-नये स्रोत मिलने की उम्मीद है। इस अवघि में कोई नया कार्य प्रारम्भ करेंगे, तो उसमें सफलता मिलने की उम्मीद ज्यादा है। आपको अनुभवी और वरिष्ठ लोगों का सहयोग मिलेगा जिससे आपके कार्यों में लाभ की उम्मीद बढ¦ जाएगी। यदि आप साझेदारी में कोई कार्य कर रहे हैं तो आपको इच्छित लाभ प्राप्त होगा और आप अपने साझेदार से संतुष्ट रहेंगे।
धन सम्पत्ति Â आर्थिक दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ उत्तम रहेगा। Ðितीय स्थान पर गुरु एवं शनि की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से आप इच्छित बचत कर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ¦ बना सकते है। रत्न आभूषण इत्यादि वस्तुओं की प्राप्ति हो सकती है। घनागम में निरंतरता बनी रहेगी, जिससे पुराने चले आ रहे कर्जे इत्यादि से मुक्ति मिल सकती है।
आपके परिवार में मांगलिक कार्य सम्पन्न होंगे उसमें भी आपका पैसा §ार्च होगा। 22 अप्रैल के बाद गुरू ग्रह का गोचर और अनुकूल हो रहा है। उस समय आपके मित्र या जीवनसाथी के माध्यम से घन लाभ हो सकता है।
परिवार एवं समाज Â पारिवारिक मामलों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल नहीं है। चतुर्थ स्थान के शनि आपके परिवार में कुछ विषम परिस्थिति उत्पन्न कर सकते हैं। आपका परिवारिक माहौल §ाराब हो सकता है। आपके माता के साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। अतÂ उस समय आपको अपने विवेक से काम लेना होगा।
पंचमस्थ राहु आपके बच्चों का स्वास्थ्य §ाराब कर सकता है। जिसका नकारात्मक प्रभाव आप के परिवार पर पड¦ेगा, परन्तु आपको मातुल पøा का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। अप्रैल के बाद गुरू ग्रह का गोचर शुभ हो रहा है। उस समय आपका परिवारिक माहौल अनुकूल होना शुरू हो जाएगा। आपके जीवनसाथी के साथ आप का समन्वय मघुर होगा। यदि आप अविवाहित हैं तो विवाह हो जाएगा। तृतीय स्थान पर गुरू ग्रह की दृष्टि प्रभाव से आपके सामाजिक पद प्रतिष्ठा में भी वृ¯ि होगी।
संतान Â संतान के लिए यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। पंचम भाव में राहु ग्रह का गोचर संतान के लिए अच्छा नहीं है। वर्षारम्भ में संतान को लेकर चिन्ताएं बढ¦ सकती हैं, उसका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है जिसका नकारात्मक प्रभाव उसकी शिøाा पर भी पड¦ सकता है। गर्भवती महिलाओं को गर्भरøाा हेतु विशेष सावघान रहने की आवश्यकता है।
अप्रैल के बाद आपके दूसरे बच्चे के लिए समय विशेष अच्छा हो रहा है। उसको अपने कार्य øोत्र सफलता प्राप्त होगी। यदि वह उच्च शिøाा प्राप्त करना चाहता है तो अच्छे शैøाणिक संस्थान में उसका प्रवेश हो जाएगा। यदि वह विवाह योग्य है तो शुभ समाचार प्राप्त होगा।
स्वास्थ्य Â स्वास्थ्य की दृष्टि से वर्ष का प्रारम्भ उत्तम नहीं रहेगा। छठे स्थान का गुरू छोटी मोटी बीमारियों से स्वास्थ्य प्रभावित कर सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य का §याल र§ाना जरुरी होगा। यदि पहले से कोई लम्बी बीमारी से ग्रस्त हैं तो सावघानी बरतें। लग्न स्थान पर राहु एवं शनि ग्रह की संयुक्त दृष्टि प्रभाव से अचानक आपका स्वास्थ्य बिगड¦ सकता है।
अप्रैल के बाद गुरू ग्रह का गोचर सप्तम स्थान में होगा। उस समय आपका स्वास्थ्य घीरे घीरे अनुकूल होना शुरु हो जाएगा। लग्न पर गुरु की दृष्टि होने से प्रत्येक कार्य को सकारात्मक रूप से करेंगे। अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपका §ाान-पान एवं दिनचर्या भी सुघरेगी, जिससे आप पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हो जाएंगे।
करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा Â प्रतियोगिता परीøाा के लिए यह वर्ष सामान्य फलदायक रहेगा। करियर में सफलता प्राप्ति के लिए आप को अघिक परिश्रम करने की आवश्यकता है। जो विद्यार्थी विदेश या ¬ार से दूर जाकर पढ¦ाई करना चाहते हैं उनके लिए समय अनुकूल है।
अप्रैल के बाद समय अनुकूल हो रहा है। उस समय के अंतराल में यदि किसी प्रतियोगिता परीøाा में भाग लेंगे तो यह निर्णय उचित होगा। यदि आप कोई व्यावसायिक शिøाा ग्रहण कर रहे हैं तो उसमें सफलता प्राप्त करेंगे।
यात्रा Â यात्रा की दृष्टि से यह वर्ष सामान्यतÂ अनुकूल रहेगा। वर्ष के प्रारम्भ में Ðादश स्थान पर गुरू की दृष्टि आपको विदेश यात्रा करा सकती है। राहु-केतु के प्रभाव से छोटी मोटी यात्राओं के साथ-साथ लम्बी यात्राएं भी होती रहेंगी।
अघिकांश यात्रा आपकी अचानक होंगी। अप्रैल के बाद व्यवसाय से संबंघित यात्रा करेंगे। इस यात्रा से आपको अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
धर्म कार्य एवं ग्रह शान्ति Â घार्मिक कार्यांे के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा। मानसिक Ðन्दता के कारण आपका पूजा पाठ मे मन नहीं लगेगा। राहु, शनि एवं गुरू ग्रह के गोचर अनुकूल नहीं होने के कारण पूजा-पाठ, यज्ञ एवं अनुष्ठान अपेøााकृत कम ही कर पाएंगे। अप्रैल से गुरु ग्रह का गोचर अच्छा हो रहा है। आपका आध्यात्मिक ज्ञान बढ¦ेगा। उस समय आप अपने जीवनसाथी के साथ पारिवारिक कल्याण के लिए कोई विशेष पूजा संपन्न करेंगे, जिससे आपके परिवार में सु§ा, समृ¯ि एवं शान्ति आदि की प्राप्ति होगी।
Û माता-पिता, गुरु, साघू, संन्यासी और अपने से बड¦े लोगों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
Û शनिवार को लोहे का तवा दान करें।
Û दुर्गा बीसा कवच गले में घारण करंे।