चन्द्रमा 4th हाउस में रहेगें जिससे मां की अच्छी सेहत के लिए मां दुर्गा का ध्यान करें।नौकरीपेशा लोगों की आर्थिक समस्याएं बढ़ेगी।
र्स्पाेट्स पर्सन को खेलों में राजनीति कुछ परेशान कर सकती है।
पारिवारिक वातावरण कुछ परेशानियों से भरा रहेगा, जिसका असर आपकी कार्यक्षमता पर दिख सकता है।
र्स्पाेट्स पर्सन के द्वारा की गई मेहनत और आत्मविश्वास का उन्हें प्रतिफल मिलने की संभावना है।
बिजनसमैन के लिए दिन औसत रहेगा।
एम्पलॉइड पर्सन अपनी पुरानी गलतियों के कारण फंस सकते हैं।
10 दिसम्बर से 16 दिसम्बर 2023 साप्ताहिक राशिफल
लंबे समय से चली आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। समाज में मान–सम्मान में बढ़ोतरी होगी। व्यवसाय से जुड़े लोगों को पूर्व में किए गये धन निवेश से खासा लाभ होगा। व्यापार में भी वृद्धि का योग बन रहा है। राजनीति से जुड़े लोगों की प्रसिद्धि बढ़ेगी। करियर के लिए समय शुभ है। जो युवा विदेश जाने की सोच रहे हैं, उनका सपना साकार हो सकता है। पूर्व में आ रहीं सभी अड़चनें दूर होंगी। किसी प्रिय व्यक्ति से मुलाकात संभव है। परिवारजनों से भी संबंध बेहतर बनेंगे। युवाओं का समय मौज–मस्ती करते हुए बीतेगा। आपको वाहन या अन्य कोई सुख–सुविधा से जुड़ी चीज खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। इस दौरान किसी प्रिय व्यक्ति से जुड़ा शुभ समाचार भी प्राप्त हो सकता है। प्रेम–प्रसंग की दृष्टि से समय पूरी तरह से अनुकूल है। पार्टनर के साथ संबंध मधुर होंगे। घर–परिवार संग हंसी–खुशी समय बिताने के अवसर प्राप्त होंगे।
इस महीने की लाइफलाइन
इस महीने आपके लिए लाइफ लाइन यही है कि आजकल लोग future में जिंदगी को बेहतर बनाने में अपनी आज की जिंदगी को ही वक्त नहीं दे रहे है। कल की परेशानी कम रहे इसके चलते आज परेशानी बढ़ा कर जी रहे है। यह सही है कि हर व्यक्ति को भविष्य बनाने की चिंता होनी चाहिए लेकिन ऐसी और इतनी tension किस काम की! जो आपके आज को ही बिगाड़ दे। चाहे सुखी हो या दुखी अमीर हो या गरीब, सफल हो या असफल, अपने आज को शांति से जीना जरूरी है ताकि आपकी सेहत अच्छी रह सके। यदि आगे की इतनी टेंशन आज करी जाए कि आप अपने शरीर में कोई मानसिक या शारीरिक रोग ले बैठे, तो आप भविष्य में बहुत सफल हो जाने पर भी, सुखी और शांत जीवन नहीं जी पाएंगे। हमेशा हमें याद रहना चाहिए कि पहला सुख निरोगी काया ही बताया गया है।
ग्रहों का परिवर्तन
1. 03 नवम्बर से शुक्र षष्ठ भाव कन्या राशि में रहेंगे।
2. 04 नवम्बर से शनि एकादश भाव कंुभ राशि में मार्गी रहेंगे।
3. 06 नवम्बर से बुध अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
4. 16 नवम्बर से मंगल अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
5. 17 नवम्बर से सूर्य अष्टम भाव वृश्चिक राशि में रहेंगे।
6. 27 नवम्बर से बुध नवम भाव धनु राशि में रहेंगे।
7. 30 नवम्बर से शुक्र सप्तम भाव तुला राशि में रहेंगे।
प्रिय साथियों आप में आम या फिर खास कोई भी हो महिने में 2-3 दिन ऐसे होते हैं जो बहोत निराशावादी बना देते हैं। और वो होते हैं मन-मस्तिष्क के कारक चन्द्रमा की नेगेटिव पॉजिशन के कारण। आप उन डेट को नोट करें और रहें हर पल सावधान।
1, 2, 3, 29, 30 दिसम्बर को चौथे
11, 12 दिसम्बर को आंठवे
20, 21 दिसम्बर को बारहवें
शुभ तारीख
1, 2, 3, 9, 10, 15, 16, 17, 22, 23, 29, 30 दिसम्बर को चन्द्रमा-गुरू का गजकेसरी योग, महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग, 11, 12 दिसम्बर को अष्टम भाव में चन्द्रमा-मंगल का लक्ष्मी योग व 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में व 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग, 28 दिसम्बर से अष्टम भाव में बुध-शुक्र का लक्ष्मीनारायण योग व 28 दिसम्बर से मंगल-गुरू कर परिवर्तन योग रहेगा।
बिजनस एंड वेल्थ
1. महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग रहेगा जिससे अपने बिजनस को ईथीकली कानूनों के दायरे में रहकर चलाना इस महीने कोई आपसे सीखे।
2. बुध का 27 दिसम्बर तक सप्तम भाव से 3-11 का सम्बध रहेगा व गुरू की सातवीं व नौवीं दृष्टि सप्तम भाव व नवम भाव पर होने से कुछ महीनों से पीछे रहा हुआ आपका बिजनस इस महीने में स्मूदली आगे मूव हो सकता है।
3. 24 दिसम्बर तक शुक्र-शनि का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस माह मार्केटिंग से आगे आपको बढ़िया पब्लिसिटी और प्रॉफिट मिल सकते हैं।
4. 13 दिसम्बर से बुध वक्री होगे व धन भाव से षडाष्टक दोष रहेगा जिससे सलाह के बगैर म्यूचुअल फंड्स, शेयर बाजार वगैरह में निवेश इस माह ठीक नहीं होगा।
जॉब एंड प्रॉफेशन
1. महीने की शुरूआत से 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग रहेगा जिससे इस महीने में आपकी अच्छी परफॉर्मेंस से जूनियर्स और सीनियर्स सभी राजी और इम्प्रेस होंगे।
2. 27 दिसम्बर तक मंगल-शनि दृष्टि सम्बध व केतु की पाचवीं दृष्टि दशम भाव पर होने से जो भी गवर्नमेंट सर्वेंट्स अपने ट्रांसफर चाहते है तो आपका ये डिसीजन सही प्रूव नहीं हो सकता है।
3. 16 दिसम्बर से सूर्य-गुरू का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस महीने में आपकी वर्किंग और मैनेजिरियल स्किल्स आपको एक अच्छा टीम लीडर बना सकती है।
4. गुरू-शनि का 3-11 का सम्बध व 28 दिसम्बर से मंगल-गुरू का परिवर्तन योग रहने आपका अपडेटेड रिज्यूम और आपका कॉन्फिडेंट एटिट्यूड इस महीने प्राइवेट जॉब आसानी से दिला सकता है।
फेमिली लाइफ, लव लाइफ एंड रिलेशनशिप
1. महीने की शुरूआत से 24 दिसम्बर तक सप्तम भाव में मालव्य योग रहेगा जिससे आप चाहें तो हरेक रिश्ते में आपका सच्चा प्रेम और समर्पण सुख-शांति ला सकतें हैं, ये ही आपके जीवन का इस महीने मूलमंत्र भी रहेगा।
2. 24 दिसम्बर तक शुक्र-शनि का नवम-पंचम राजयोग रहने से इस महीने में आप शादी की योजना बना सकते हैं और योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकेगा।
3. 24 दिसम्बर तक शुक्र-बुध का 3-11 का सम्बध रहेगा रहेगा व गुरू की सातवीं दृष्टि सप्तम भाव पर होने से प्रेमी परिंदे अपने अपने पार्टनर के साथ दिल से जुड़े रहेंगे।
स्टूडेंट्स एंड लर्नर्स
1. महीने की शुरूआत से 15 दिसम्बर तक अष्टम भाव में 28 दिसम्बर से नवम भाव में सूर्य-मंगल का पराक्रम योग रहेगा जिसस हायर एजुकेशन में स्टूडेंट्स और लर्नर्स बेस्ट परफॉर्मर्स देने की पूरी कोशिश कर पाएंगे।
2. गुरू की पाचवीं दृष्टि व शनि की सातवीं दृष्टि पंचम भाव पर होने से अलर्ट और अवेयर मोड में रहिएगा, आपको स्कॉलरशिप या दूसरे बेनिफिट्स मिल सकते हैं।
3. 16 दिसम्बर से सूर्य का पंचम भाव से नवम-पंचम राजयोग रहेगा जिससे कम्पिटिटिव कैंडिडेट्स का अपने बढ़िया फ्यूचर और रिजल्ट्स के लिए मेहनत और रिविजन पर पूरा ध्यान रहेगा।
हेल्थ एंड ट्रेवल
1. महीने की शुरूआत से 27 दिसम्बर मंगल-गुरू का षडाष्टक दोष व राहु की नौवीं दृष्टि अष्टम भाव पर होने से इस महीने लापरवाह होकर फालतू ट्रैवल परिवार को बर्बादी की ओर धकेल सकती है, जितना जरूरी हो उतना ही बाहर निकलें।
2. शनि-केतु का षडाष्टक दोष व बुध-केतु का 4-10 का सम्बध रहने से आपको डल वीजन की शिकायत रह सकती है आप तुरंत डॉक्टर से मिलें।
-:उपाय:-
05 दिसम्बर श्री काल भैरवाष्टमी पर- बैलपत्र पर लाल चंदन से ऊं नमः शिवाय लिखकर पूर्व की ओर मुख करके शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
12 दिसम्बर देव पितृकार्ये भौमवती अमावस्या के पर– 11 पीपल के पत्तो को गंगाजल से साफ धोकर श्रीराम का नाम लिखकर माला बनाकर हनुमान जी को पहनाए व केले का दान किसी गरीब को करें।
16 दिसम्बर मलमास पर- अगर आप किसी विशेष कार्य की सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो मलमास के दौरान प्रतिदिन भगवान विष्णु को केसर मिश्रित दूध दक्षिणावर्ती शंख में डालकर अर्पित करें।
22 दिसम्बर मोक्षदा एकादशी पर- सुख की प्राप्ति के लिए शाम के समय तुलसी के पौधे में गाय के घी का दीपक जलाएं। ऊँ गोविंदाय नमः मंत्र का 11 बार जाप करें।
इस वर्ष शनि कुम्भ राशि में सप्तम में और राहु मीन राशि में अष्टम भाव में रहेंगे। वर्षारम्भ में गुरु मेष राशि में गुरू नवम में रहेंगे और 1 मई को वृष राशि में दशम भाव में गोचर करेंगे। मंगल ग्रह अपनी सरल गति से गोचर करेंगे। 29 अप्रैल से 28 जून तक शुक्र अस्त रहेंगे।
कार्य व्यवसाय़ Â कार्य व्यवसाय की दृष्टि से यह वर्ष अच्छा रहेगा। सप्तमस्थ शनि के प्रभाव से आपको कार्य व्यवसाय में सफलता प्राप्त होगी। आप अपने भाग्य के Ðारा व्यवसाय में उन्नति करेंगे। यदि आप साझेदारी में कार्य कर रहें है तो इस वर्ष इच्छित लाभ होगा। अष्टमस्थ राहु के प्रभाव से कुछ प्रतिÐन्दिओं Ðारा आपके कार्यों में रूकावटें डाली जा सकती हैं।
अप्रैल के बाद वरिष्ठ लोगांे या बड¦े अघिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी करने वाले व्यक्तियांे की पदोन्नति हो सकती है। भुमि से सम्बन्घित कार्य करने वाले व्यक्तियों को लाभ प्राप्त होगा। व्यवसायिओं को अच्छा लाभ प्राप्त होगा।
धन सम्पत्ति Â आर्थिक दृष्टिकोण से यह वर्ष अच्छा फलदायक रहेगा। व्यापारिक अनुकूलता होने के कारण इच्छित बचत करने में सफल रहेंगे। वर्षारम्भ मंे आप भौतिक सु§ा सुविघाओं पर भी §ार्च करेंगे। अप्रैल के बाद चतुर्थ स्थान पर गुरु एवं शनि ग्रह के संयुक्त दृष्टि प्रभाव से भूमि, भवन, वाहन के साथ रत्न आभुषण इत्यादि की प्राप्ति हो सकती है।
परिवार के सदस्यों तथा रिश्तेदारों के मांगलिक कार्यों में धन का व्यय होगा। यदि कोई बड¦ा निवेश करना पड¦े तो अनुभवी व्यक्तियों का परामर्श ले सकते हैं। राहु ग्रह का गोचर निवेश के लिए अनुकूल नहीं है। यदि पैतृक संपत्ति पर कोई वाद-विवाद हो सकता है।
परिवार एवं समाज Â पारिवारिक दृष्टिकोण से यह वर्ष अनुकूल रहेगा। वर्षारम्भ में अघिक भाग-दौड¦ के कारण परिजनों को अघिक समय नहीं दे पाएंगे। परिवार में सु§ा-शान्ति का वातावरण बना रहेगा। तृतीय स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा में वृ¯ि होगी।
अप्रैल के बाद पारिवार के लिए समय और अनुकूल हो रहा है। परिवार में परस्पर सहयोग एवं भावनात्मक प्रेम में वृ¯ि होगी। आपको वरिष्ठ सदस्यों का सहयोग प्राप्त होगा। आप प्रसन्न रहेंगे। परिवार के प्रति आपका आकर्षण बढे¦गा। पिता के लिए यह समय अच्छा है परन्तु ससुराल पøा के लिए समय विशेष अच्छा नहीं है।
संतान Â संतान के लिए वर्षारम्भ अनुकूल है। पंचम स्थान पर गुरु के दृष्टि प्रभाव से नवविवाहित व्यक्तियों को संतान रत्न की प्राप्ति होगी। बच्चों का भाग्य उदय होगा। वे उच्च शिøाा ग्रहण करेंगे।
यदि आपका पहला बच्चा विवाह के योग्य है तो उसका विवाह संस्कार हो जाएगा। अप्रैल के बाद उच्च शिøाण संस्थान में प्रवेश हो सकता है। दूसरे बच्चे के लिए यह वर्ष सामान्य रहेगा।
स्वास्थ्य Â वर्ष के प्रारम्भ में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। नवमस्थ गुरु की पंचम दृष्टि लग्न पर होगी जिसके प्रभाव से शारीरिक आरोग्यता की प्राप्ति व कार्य øामताओं में वृ¯ि के प्रबल संकेत हैं। मानसिक शांति, प्रसन्नता एवं सकारात्मक सोच में वृ¯ि होगी। आपका स्वास्थ्य अनुकूल बना रहेगा।
गुरु ग्रह के गोचर के बाद अष्टम स्थान का राहु अचानक ही स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। अतÂ उस समय स्वास्थ्य के प्रति ध्यान देना आवश्यक होगा। §ााने-पीने की वस्तुओं में सावघानी बरतें। कभी कभी शारीरिक कमजोरी महसूस होगी। व्यायाम व योगाभ्यास आपके लिए लाभदायक होगा।
करियर एवं प्रतियोगी परीक्षा Â विद्यार्थियों के लिए वर्ष का प्रारम्भ अनुकूल रहेगा। पंचम स्थान पर गुरू के दृष्टि प्रभाव से शिøाा के लिए अच्छा योग बन रहा है। शिøाा के øोत्र में विशेष उन्नति करेंगे। उच्च शिøाा के लिए प्रयासरत रहेंगे।
अप्रैल के बाद षष्ठ स्थान पर गुरु ग्रह के दृष्टि प्रभाव से प्रतियोगिता परीøाा की तैयारी करने वाले व्यक्तियों को आत्मविश्वास बढ¦ेगा। रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे।
यात्रा Â वर्ष के प्रारंभ में तृतीय स्थान पर गुरु के दृष्टि प्रभाव से छोटी-मोटी यात्राएं होती रहंेगी। नवमस्थ गुरु के प्रभाव से लम्बी यात्रा भी होगी। ये यात्राएं आनन्ददायक व भाग्यवर्¯क होंगी। यात्रा के दौरान अच्छे मित्र की प्राप्ति होगी।
नौकरी करने वाले व्यक्तियांे का स्थानान्तरण हो सकता है। यात्रा करते समय या वाहन चलाते समय सावघानी जरूरी है क्योंकि अष्टम स्थान में शनि का गोचर समस्या उत्पन्न कर सकता है।
धर्म कार्य एवं ग्रह शान्ति Â वर्षारम्भ में नवमस्थ गुरु के कारण आप कोई विशेष पूजा-पाठ यज्ञ, अनुष्ठान संपन्न करेंगे। पंचम स्थान पर गुरू ग्रह के दृष्टि प्रभाव से आपके मन में ईश्वर भक्ति का भाव उत्पन्न होगा।
Û शनिवार के दिन नीली वस्तुओं का दान करें एवं राहु मन्त्र का जाप करें।
(राहु मन्त्र -ओम् भ्रां भ्रीं भ्रौं सÂ राहवे नमÂ)
Û दुर्गा सप्तसती का पाठ करें या दुर्गा बीसा कवच गले में घारण करें।
Û प्रत्येक दिन सूर्य को जल दें।