प्रत्येक मास की त्रयोदशी भगवान शिव की पूजा को समर्पित होती है और इसे प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष के दिन भोलेबाबा और माता पार्वती की पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस बार अनंत त्रयोदशी 21 अप्रैल को है।
शिव पुराण में बताया गया है कि प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।
गृह प्रवेश, वाहन खरीद आदि के लिए समय अच्छा
हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी में प्रदोष व्रत आता है। हालांकि अप्रैल में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार संतान प्राप्ति और जीवन के सारे संकट दूर करने की इच्छा लेकर प्रदोष व्रत किया जाता है। इसलिए जो दम्पति संतान प्राप्ति चाहते हैं वह सुबह उठकर स्नान आदि के बाद पूरे विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करें। जीवन में किसी भी प्रकार का कोई कष्ट है तो प्रदोष व्रत करने से सारे दोष दूर हो जाएंगे और उत्तम फल की प्राप्ति होगी।
इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से सारी इच्छाएं पूरी होती हैं। प्रदोष व्रत इस बार रविवार को आ रहा है। गृह प्रवेश, वाहन खरीद, अध्ययन कार्य आरंभ करने और नए कपड़े पहनने के लिए यह दिन शुभ माना जाता है। इस दिन दान, स्नान और व्रत आदि करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। जरूरतमंदों को अपने सामर्थ्य के अनुसार सरसों का तेल, शुद्ध घी, अनाज, वस्त्र, मौसमी फल आदि का दान करना भी श्रेष्ठ रहता है।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
किसी भी प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक का समय सबसे उत्तम माना जाता है।