रंगों के पर्व होली को हर्ष और उल्लास के साथ मनाएं जरूर मगर इस दिन विशेष सतर्कता रहने की भी जरूरत है। आपने सुना होगा कि होली के दिन तंत्र-मंत्र की क्रियाएं अधिक होती है। इसलिए होली के दिन किसी भी श्मशान या सुनसान जगह से पर बिल्कुल भी नहीं जाना चाहिए। क्योंकि इसकी चपेट में आप आ सकते हैं। यदि किसी घर में जरा सी भी तंत्र-मंत्र होने की आशंका हो तो होली के दिन उस घर की खाने की वस्तु का सेवन नहीं करें।
सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी ने होली के दिन अन्य सावधानी बरतने की भी सलाह दी है। उनका कहना है कि फाग वाले दिन अपने पहने हुए वस्त्रों का दान किसी गरीब को न करें। ऐसी भी मान्यता है कि होली के दिन ऐसे कपड़े दान करने से आपके घर की खुशहाली जा सकती है।
इस दिन बर्तनों का दान भी नहीं करना चाहिए अन्यथा आर्थिक नुकसान हो सकता है।
इस दिन मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए। वरना धन हानि होना और घर में रोग आना निश्चित है।
होली पर उधार चुकता की तो वित्त परेशानियां घेर लेंगीं
होली के दिन किसी को भी पैसे उधार नहीं देने चाहिए। अगर ऐसा किया तो पूरे साल धन हानि के साथ आप आर्थिक कमी से जूझ सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार होली के दिन किसी भी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। होली के दिन देर तक न सोएं। इस दिन बीमार, वृद्ध और गर्भवती स्त्री को ही सोने की इजाजत है।
यदि इस दिन लड़ाई झगड़ा किया जाता है, तो माना जाता है कि पूरे साल लड़ाई होती है। इसलिए कहा जाता है कि होली के दिन घर पर शत्रु भी आ जाए तो उसका अपमान न करें, बल्कि उसे सम्मान करें और पुरानी कटुता को दूर करने का प्रयास करें।
इसके अलावा कई अन्य काम हैं जो नहीं किए जाने चाहिएं।
होली के दिन अपने सिर को ढ़क कर रखना चाहिए। क्योंकि होली के दिन बुरी शक्तियां सिर पर से ही शरीर में प्रवेश करती हैं।
होली केवल दोपहर तक ही खेलनी चाहिए। इसी तरह मिलन समारोह भी दोपहर तक खत्म हो जाना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सांझ ढलने तक किसी से होली खेलना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से दोनों ही व्यक्तियों पर भारी संकट आने की संभावना होती है।
किसी भी नवविवाहित लड़की को होली जलते हुए नहीं देखना चाहिए। वरना जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
महिलाएं क्या नहीं करे
– घर के बुजुर्गों का अपमान नहीं करें।
– बाल खुले न छोड़ें ऐसा करने से नकरात्मक शक्तियों कर प्रभाव जीवन में पड़ सकता है।
– गर्भवती महिलाओं को होलिका की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए।
– नव विवाहित स्त्रियों को ससुराल में होलिका दहन में भाग नहीं लेना चाहिए।