How to use Rudraksh

कुंडली में गलत जगह बैठे ग्रहों के प्रभाव को शांत करता रुद्राक्ष

भगवान शिव की अनंत कृपा से युक्त रुद्राक्ष मानव जगत को मिला दैवीय अनुपम उपहार है। इसे धारण करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होने लगी है। जीवन में सुख-सौभाग्य आने के साथ आर्थिक उन्नति होती है। रुद्राक्ष में किसी व्यक्ति की कुंडली में गलत जगह बैठे ग्रहों के प्रभाव को शांत करने की असीम शक्ति है।

रुद्राक्ष को कैसे धारण करते

रुद्राक्ष को धारण करने से पहले पंचामृत से और फिर गंगाजल से स्नान कराएं, स्वच्छ सूखे कपड़े से पोंछें, तिलक लगाएं, धूप दिखाएं, नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें, रुद्राक्ष में धागा या सोना या चांदी की चेन में अपने गले में धारण करें।

रुद्राक्ष कब पहनना सही

रुद्राक्ष को पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को पहनना श्रेष्ठ माना जाता है। सावन के इस महीने में रुद्राक्ष किसी भी दिन पहना जा सकता है क्योंकि सावन हर दिन शुभ माना जाता है. रुद्राक्ष 1, 27, 54 और 108 की संख्या में धारण करना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनने पर यह न करें

– इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन न करें
– रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाना चाहिए।
– नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष ले जाने से बचना जरूरी है।

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